Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

रिफाइनरी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है भारत: वित्त मंत्री

nirmala sitharaman

nirmala sitharaman

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने रुपये में जारी गिरावट पर कहा कि सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) दोनों ही सजग एवं सतर्क है। ऐसा सिर्फ भारतीय मुद्रा के साथ में नहीं हो रहा, बल्कि डॉलर के मुकाबले दुनिया की तमाम करेंसी की वैल्यू में गिरावट देखी जा रही है।

निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ‘वन नेशन-वन टैक्स’ जीएसटी के पांच साल पूरा होने पर शुक्रवार को नई दिल्ली में वस्तु और सेवा कर जीएसटी के पांचवें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रही थीं। वित्त मंत्री ने कहा कि अप्रैल के बाद जून महीने में जीएसटी राजस्व संग्रह में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। जीएसटी राजस्व संग्रह में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है, जो जून महीने में एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 56 फीसदी बढ़कर करीब 1,44,616 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman)  ने कहा कि भारत को सस्ते दर पर कच्चे तेल का आयात करने में काफी मुश्किल हो रही है। इसके लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। सीतारमण ने कहा कि जियोपॉलिटिकल चिंताओं की वजह से दुनियाभर में कच्चे तेल के दाम में भारी उछाल आया है। उन्होंने कहा कि यह अभूतपूर्व समय है, जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत बेलगाम हो गई है। सीतारमण ने कहा कि भारत रिफाइनरी हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, लेकिन अब भी विदेशों से आयात करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब हर पखवाड़े कच्चे तेल, डीजल और विमान ईंधन के दामों की समीक्षा करेगी।

सिंगल यूज प्लास्टिक की इन चीजों पर लगा बैन, नियम तोड़ने पर होगी जेल

इस अवसर पर वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली में कई सुधार किए गए हैं। उन्होंने वन नेशन वन टैक्स के विचार को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए करदाताओं और अधिकारियों को बधाई दी। वहीं, राजस्व सचिव तरुण बजाज और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी ने भी इस समारोह को संबोधित किया।

वित्त मंत्रालय की एक अधिसूचना के मुताबिक सरकार ने पेट्रोल, डीजल और एविएशन फ्यूल पर निर्यात शुल्क बढ़ा दिया है। सरकार ने घरेलू क्रूड उत्पादन पर प्रति बैरल 23,250 रुपये का सेस लगा दिया है, जबकि डीजल पर निर्यात शुल्क 13 रुपये प्रति लीटर और पेट्रोल पर 6 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है। वहीं, एटीएफ के निर्यात पर 6 रुपये प्रति किलो लीटर का सेस लगाया है, जबकि चालू खाते के घाटे को थामने के लिए सोने पर आयात शुल्क 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दिया है जो अन्य शुल्क और सेल मिलाकर 15 फीसदी हो गया है। आयात और निर्यात शुल्क की बढ़ी हुई नई दरें 30 जून, 2022 से लागू हो गई है।

Exit mobile version