कीव। रूस के आक्रमण से दहल रहे यूक्रेन के हालात ने रिश्तों की नई इबारत लिखनी शुरू कर दी है। यूक्रेन में रशियन तोपों और गोलों की बरसात के बीच स्थानीय बाशिंदों के साथ दूसरे मुल्कों के लोग जान बचाकर भाग रहे हैं।
अपने नागरिकों को बचाने के अभियान में जुटे भारत ने अबतक अन्य देशों के भी कई लोगों को सकुशल निकालने में मदद की है। भारत (India) ने कीव में फंसी पाकिस्तान (PAK Student) की अस्मा शफीक (Asma Shareef) को सुरक्षित (Rescues) निकाल लिया है।
यूक्रेन की राजधानी कीव में काफी मुश्किलों में फंसी रही पाकिस्तान की इस लड़की ने मदद के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कीव में भारतीय दूतावास के अधिकारियों का आभार जताया है। भारतीय अधिकारियों के प्रयास और मदद से वह अपनी नई मंजिल के लिए कीव से सुरक्षित निकल चुकी हैं। बताया जा रहा है कि वह अभी पश्चिम यूक्रेन के रास्ते पर है।
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अस्मा शफीक नाम की पाकिस्तानी छात्रा ने वीडियो जारी कर कहा, मैं पाकिस्तान से हूं। मैं कीव में भारत के दूतावास का धन्यवाद करती हूं, कि उन्होंने कठिन परिस्थिति में हमारी मदद की। मैं भारत के पीएम का भी धन्यवाद करती हूं। हमारी मदद करने के लिए धन्यवाद। भारतीय दूतावास की वजह से हम अपने घर सुरक्षित पहुंच पा रहे हैं।
17100 भारतीय स्टूडेंट यूक्रेन से निकाले गए
यूक्रेन में युद्ध शुरू होने से पहले करीब 20000 भारतीय फंसे थे। केंद्र सरकार के मुताबिक, अब तक 17,100 भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से लाया जा चुका है। उधर, सुमी में फंसे 700 भारतीय भी ह्यूमैन कॉरिडोर के जरिए मंगलवार को शहर से बाहर लाए गए। विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इन छात्रों को पोल्टावा लाया गया है। यहां से वे ट्रेन के जरिए पश्चिमी यूक्रेन लाए जाएंगे।
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची के मुताबिक छात्रों को घर पहुंचाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ानें तैयार की जा रही हैं। अरिंदम बागची ने भारतीय छात्रों का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, ‘यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हम सभी भारतीय छात्रों को सुमी से बाहर निकालने में सफल रहे हैं।’