दिल्ली। एलएसी पर चीन का टकराव जारी है। बीते शुक्रवार को भारतीय और रूसी नौसेना ने बंगाल की खाड़ी में युद्ध अभ्यास कर रहा है। यह युद्ध अभ्यास दो दिन तक चलेगा। नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि यह ज्वाइंट एक्सरसाइज का मकसद दोनों देशों कि नौसेना कि तैयारी को परखना है।
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आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय नौसेना ने जुलाई में यूएस नेवी के परमाणु क्षमता से लैस यूएसएस निमित्ज के साथ अंडमान निकोबार द्वीपसमूहों के पास संयुक्त अभ्यास किया था। निमित्ज दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोता माना जाता है। इसके बाद जून में भारतीय नौसेना ने जापानी सेना के साथ भी अभ्यास किया था।
भारत-रूस के इस युद्धाभ्यास पर नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक माधवई ने कहा, ये द्विवार्षिक अभ्यास ड्रिल नेवी के 11वें संस्करण के तहत किया जा रहा है। इसमें समुद्री संचालन के स्पेक्ट्रम में इधर से उधर तक की बहुत सारी एक्सरसाइज का आयोजन किया गया, अभ्यास में सतह व विमान निरोधक ड्रिल, फायरिंग एक्सरसाइज, हेलीकॉप्टर ऑपरेशन जैसी गतिविधिया प्रमुख है।
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वहीं नौसेना के प्रवक्ता के अनुसार इस अभ्यास में गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रायर रणविजय, स्वदेशी फ्रिगेट सहयाद्री और फ्लीट टैंकर शक्ति के साथ अपाचे हेलीकॉप्टर शामिल हुए, साथ ही रूस की ओर से डिस्ट्रॉयर एडमिरल विनोग्रादॉव, डिस्ट्रायर एडमिर ट्रिब्यूट्स और फ्लीट टैंकर बोरिस बुटोमा शामिल हुए।