नई दिल्ली। भारत ने पाकिस्तान के साथ 1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी सिंधु जल समझौते को सस्पेंड नहीं किया था। लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ 65 साल से चले आ रहे सिंधु जलसमझौते को सस्पेंड कर दिया है।
भारत ने जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में चिनाब (Chenab) नदी पर बने बगलिहार बांध से पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को रोक दिया है और झेलम पर किशनगंगा परियोजना से भी पानी के बहाव को कम करने की तैयारी कर रहा है।
यह कदम सिंधु नदी से पड़ोसी देश को एक भी बूंद पानी नहीं जाने देने के अपने फैसले पर अमल करते हुए उठाया गया है। लंबी चर्चा और हाइड्रोलॉजिकल परीक्षण के बाद भारत ने बगलिहार बांध से गाद निकालने का काम शुरू कर दिया है और स्लुइस गेट नीचे कर दिए हैं, जिससे पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी का बहाव 90% तक कम हो गया है। वहीं, किशनगंगा बांध के लिए भी इसी तरह के अभियान की योजना बनाई गई है।
पानी रोकने से पाक की हालत खराब
बगलिहार बांध, जो चिनाब (Chenab) नदी पर स्थित है। भारत को पानी के प्रवाह को नियंत्रित करने की क्षमता देता है। इसके गेट बंद करने से चिनाब नदी का प्रवाह पाकिस्तान की ओर काफी कम हो गया है। चिनाब नदी पर स्थित सलाल बांध से भी पानी का प्रवाह रोका गया है। चिनाब (Chenab) नदी का पानी रोकने से पाकिस्तान की कृषि, जल आपूर्ति, और बिजली उत्पादन पर गंभीर असर पड़ सकता है, क्योंकि उसकी 80 फीसदी कृषि इन नदियों पर निर्भर है।
युद्ध से पहले हिल गया पाकिस्तान, पड़ोसी देश में आया जोरदार भूकंप
पाकिस्तान को बूंद-बूंद तरसाने वाला यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। इस हमले के जवाब में भारत ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया। यह समझौता विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच नदियों के पानी के बंटवारे को नियंत्रित करता था।