नई दिल्ली। भारत ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच हिंद महासागर क्षेत्र में अग्रिम पंक्तियों के युद्धपोतों और पनडुब्बियों की बड़ी संख्या में तैनात कर दिया है। यह जानकारी रक्षा सूत्र ने दी है। भारतीय नौसेना ने चीन को स्पष्ट संदेश देने के लिए यह तैनाती की है। सूत्र का कहना है कि चीन भी इस संदेश को समझ गया है।
हिंसक झड़प के बाद नौसेना ने IOR में की थी तैनाती
बता दें कि भारत और चीन के बीच 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारतीय नौसेना ने हिंद महासागर क्षेत्र यानी IOR में युद्धपोत और पनडुब्बियों की तैनाती की थी। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने भारत की थल, जल और वायु सेना के साथ मिलकर बहुपक्षीय तरीका अपनाते हुए और राजनयिक एवं आर्थिक कदमों के साथ चीन को साफ और कड़ा संदेश दिया है कि LAC पर उसका दुस्साहस स्वीकार योग्य नहीं है।
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चीन ने तैनाती को लेकर दी प्रतिक्रिया?
वहीं, सूत्र का कहना है कि चीन हमारे संदेश को समझ गया है। सूत्रों ने भारत की तैनाती पर चीन की प्रतिक्रिया को लेकर कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीनी जहाजों की गतिविधियां बढ़ती दिखाई नहीं दीं। बता दें कि भारतीय नौसेना ने बीते कुछ हफ्तों में IOR में अमेरिका, फ्रांस और जापान की नौसेनाओं के साथ अभ्यास किए हैं। जिसे चीन के लिए एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है।
अमेरिका के साथ भारत ने किया संयुक्त नौसैनिक अभ्यास
बता दें कि अभी भारत ने हिंद महासागर में हाल ही में अमेरिका की नौसेना के साथ संयुक्त नौसैनिक अभ्यास किया था। इस संयुक्त नौसैनिक अभ्यास में अमेरिकी नौसेना का निमित्ज कैरियर स्ट्राइक ग्रुप भी शामिल रहा। बता दें कि निमित्ज अकेले अपने दम पर कई देशों को बर्बाद करने की ताकत रखता है। परमाणु शक्ति से चलने वाले इस एयरक्राफ्ट कैरियर को अमेरिकी नौसेना में बहुत ताकतवर माना जाता है। घातक हथियारों से लैस निमित्ज अकेले दम पर ही कई देशों को बर्बाद कर सकता है।