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Thomas Cup : बैडमिंटन का स्वर्णिम इतिहास रचने को भारत तैयार

Thomas Cup

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नई दिल्ली। थॉमस कप (Thomas Cup) के क्वार्टरफाइनल और सेमीफाइनल में मलेशिया और डेनमार्क को हराकर विजय रथ पर सवार भारतीय बैडमिंटन टीम रविवार को फाइनल में इंडोनेशिया के खिलाफ इतिहास रचने उतरेगी। भारत (India) ने शुक्रवार को इतिहास रचते हुए डेनमार्क को 3-2 से हराकर थॉमस कप (Thomas Cup) के फाइनल में पहली बार जगह बनाई है।

भारत (India) इस सीजन में सिर्फ चीनी ताइपे के खिलाफ एक मैच हारा है, जबकि 14-बार का चैंपियन इंडोनेशिया एक भी मैच नहीं हारा और नॉकआउट मुकाबलों में चीन व जापान को हराकर फाइनल में पहुंचा है।

भारत को थॉमस कप (Thomas Cup) फाइनल तक पहुंचाने में किदांबी श्रीकांत और एच एस प्रणय ने पांच मैच जीतकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने भी जरूरत पड़ने पर भारत को युगल मैचों में जीत दिलाई है।

मलेशिया और डेनमार्क के विरुद्ध अपने मैच हारने वाली कृष्णा प्रसाद गरगा और वष्णिुवर्धन गौड़ पंजाला की जोड़ी भारत की कमज़ोर कड़ी रही है। मुमकिन है कि टीम प्रबंधन फाइनल में इनकी जगह एमआर अर्जुन और ध्रुव कपिला को जगह दे।

लक्ष्य सेन विश्व के नंबर चार से भिड़ सकते हैं

दूसरी तरफ, विश्व के नंबर नौ शटलर लक्ष्य सेन ने प्रतियोगिता में अच्छा प्रदर्शन दिखाया है। पिछले रिकॉर्ड को ध्यान में रखा जाये तो लक्ष्य को थॉमस कप (Thomas Cup) फाइनल में विश्व के नंबर चार खिलाड़ी एंथनी सिनिसुका जिनटिंग के खिलाफ खिलाया जा सकता है, क्योंकि उन्होंने मार्च में हुए जर्मन ओपन में जिनटिंग को सीधे मुकाबलों में मात दी थी।

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श्रीकांत को विश्व के नंबर आठ खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी के खिलाफ खेलने के लिये भेजा जा सकता है, क्योंकि वह आमने-सामने के नौ मुकाबलों में क्रिस्टी को पांच बार हरा चुके हैं। श्रीकांत को क्रिस्टी के खिलाफ पिछले दो मुकाबलों में बहुत न्यूनतम  अंतर से हार का सामना करना पड़ा था, जिसका बदला लेने के लिये वह उत्सुक होंगे।

प्रणय के लिए मुश्किल होगा मुकाबला

अगर थॉमस कप (Thomas Cup) फाइनल आखिरी मैच तक जाता है तो पिछले मैच में चोटिल हुए प्रणय को विश्व के नंबर 24 खिलाड़ी शेसर हिरेन रुस्ताविटो के खिलाफ उतारा जा सकता है। प्रणय को एड़ी में मोच आई थी, जो उनके लिये फाइनल मुकाबले में समस्या का कारण बन सकता है।

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गौरतलब है कि प्रणय शेसर को दो बार हरा चुके हैं, हालांकि यह मुकाबले पांच साल पहले हुए थे और तब से दोनों आमने-सामने नहीं आये हैं। इंडोनेशिया केविन संजय सुकामुलजो, मोहम्मद अहसान और हेंड्रा सेतियावान जैसे युगल खिलाड़ियों के दम पर जीत दर्ज करता आया है, हालांकि भारत भी इनसे मुकाबला करने के लिये चिराग और सात्विक पर भरोसा कर सकता है। चिराग-सात्विक की भारतीय जोड़ी 2018 एशिया टीम चैंपियनशिप में सुकामुलजो और अहसान को हरा चुकी है।

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