नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में होने वाली जंग को भारत स्वदेशी हथियारों से लड़ेगा और दुश्मनों को हराएगा।
डीआरडीओ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीडीएस रावत ने कहा कि हम देख रहे हैं कि रक्षा क्षेत्र को लेकर हमारा निजी उद्योग भी प्रेरित है, उन्हें समर्थन की जरूरत है। मुझे लगता है कि भविष्य में होने वाले युद्ध को हम स्वदेशी हथियारों के माध्यम से जीतेंगे।
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सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि वर्तमान समय में हमारा देश उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर कई चुनौतियों से सामना कर रहा है। देश जिस रफ्तार से आत्मनिर्भरता की तरफ कदम बढ़ा रहा है। ये बेहद जरूरी है कि डीआरडीओ पूरी लगन के साथ काम करती रहे।
This time we are witnessing that our private industry is also motivated, they need your support. I feel that in case of war in future, we will win it through indigenous weapons: CDS General Bipin Rawat at DRDO pic.twitter.com/kDzCIptaHp
— ANI (@ANI) December 18, 2020
रक्षा मंत्री ने ‘अस्त्र एमके-1 बीवीआर’ और ‘समुद्री स्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली’ सौंपी
वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत को सुपरपावर (महाशक्ति) बनाने में डीआरडीओ वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राजनाथ सिंह ने हवा से हवा में मार करने वाले ‘अस्त्र एमके-1 बीवीआर’ के एक मॉडल को वायुसेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया को सौंपा। रक्षा मंत्री ने कहा कि हम भारत को महाशक्ति बनाना चाहते हैं और आप (वैज्ञानिक) इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh handed over the DRDO made Indian Maritime Situational Awareness System to the Navy chief and the Border Surveillance System (BOSS) to the Army chief https://t.co/rZHKxhYurI pic.twitter.com/NHv7e8GOn4
— ANI (@ANI) December 18, 2020
बता दें कि अस्त्र स्वदेशी रूप से विकसित पहली बीवीआर (बियॉन्ड विजुअल रेंज) हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। इसे सुखोई-30, एलसीए और मिग-29 से लॉन्च किया जा सकता है। राजनाथ ने डीआरडीओ द्वारा तैयार भारतीय ‘समुद्री स्थिति संबंधी जागरूकता प्रणाली’ नौसेना प्रमुख और सीमा निगरानी प्रणाली (बीओएसएस) सेना प्रमुख को सौंप दी।