नई दिल्ली। कोरोना से जूझ रहे लोगों के लिए शुक्रवार को एक बड़ी खुशखबरी आई है। वॉल स्ट्रीट रिसर्च और ब्रोकरेज फर्म, बर्नस्टीन रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 की पहली तिमाही में अप्रूव्ड कोरोना वायरस की वैक्सीन भारत में उपलब्ध हो जाएगी। इसके साथ ही, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया अपनी पहली वैक्सीन बाजार में उतारने की स्थिति में आ जाएगा।
दुनिया में 4 ऐसे कैंडीडेट्स हैं, जिनकी कोरोना वैक्सीन 2021 की शुरुआत तक अप्रूवल के करीब
इस रिपोर्ट के अनुसार पूरी दुनिया में 4 ऐसे कैंडीडेट्स हैं, जिनकी कोरोना वैक्सीन 2021 की शुरुआत तक अप्रूवल के करीब हैं। इसमें भारत पार्टनरशिप के माध्यम 2, ऑक्सफोर्ड का वायरल वेक्टर वैक्सीन और नोवावैक्स का प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन के साथ हैं।
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इस रिपोर्ट में कहा गया कि कि क्षमता और योग्यता के आधार पर अप्रूवल के समय, क्षमता और मूल्य निर्धारण के मद्देनजर एक या दोनों पार्टनरशिप वाले वैक्सीन अच्छी स्थिति में है। बताया जा रहा है कि इन वैक्सीन के सभी ट्रायल कामयाब और काफी आशावान रहे हैं। भारत के ‘वैश्विक क्षमता समीकरण’ को लेकर पॉजिटिव रिपोर्ट मिली है हालंकि इसके साथ मैन्यूफैक्चरिंग जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है लेकिन इसके लिए भी आगे कई उम्मीदें नज़र आ रही है।
कोरोना वैक्सीन की प्रति डोज की खरीद मूल्य 3 डॉलर पड़ सकती है जबकि ग्राहकों के लिए ये 6 डॉलर
इस रिपोर्ट के अनुसार, एसआईआई साल 2021 में 60 करोड़ डोज और साल 2022 में 100 करोड़ डोज की सप्लाई कर सकती है। जबकि गावी द वैक्सीन अलायंस और छोटे बाजारों तक वैक्सीन को पहुंचाने को लेकर कंपनी की ने जो वादे किये थे उसे ध्यान में रखते हुए भारत में साल 2021 में इन खुराकों में से 40 से 50 करोड़ खुराक हो सकती हैं।
वहीँ, इस रिपोर्ट में आशंका जताई जा रही है कि सरकारी और निजी बाजार के बीच वैक्सीन की मात्रा 55:45 अनुपात हो सकती है। बर्नस्टीन की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अनुमान के आधार पर सरकार के लिए कोरोना वैक्सीन की प्रति डोज की खरीद मूल्य 3 डॉलर पड़ सकती है जबकि ग्राहकों के लिए ये 6 डॉलर हो सकती है।