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विश्व मानवता का मार्ग प्रशस्त करेगा भारत: सीएम योगी

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए पंच प्रणों पर आगे बढ़ते हुए विरासत पर स्वाभिमान करने वाला सशक्त व आत्मनिर्भर भारत दुनिया को नेतृत्व व सुरक्षा देते हुए लोकमंगल की भावना से विश्व मानवता का मार्ग प्रशस्त करेगा। ऐसे में हर नागरिक का दायित्व है कि वह क्रांतिकारियों के सपनों के अनुरूप ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ बनाने के लिए पीएम मोदी द्वारा दिलाए गए पंच प्रणों से जुड़कर खुद को तैयार करे।

सीएम योगी (CM Yogi) सोमवार शाम काकोरी बलिदान दिवस पर गोरखपुर में आयोजित देश के अब तक के सबसे बड़े ड्रोन शो में उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। रामगढ़ताल के सामने स्थित महंत दिग्विजयनाथ स्मृति पार्क में आयोजित 750 ड्रोनों की कलाबाजियों से अमर बलिदानियों की शौर्य गाथा प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आज भारत दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में उभरा है। यह हर नागरिक के लिए गौरव का विषय है कि अपना देश 200 वर्षों तक शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। यही नहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1दिसंबर से अगले वर्ष 30 नवंबर तक विश्व के 20 प्रभावशाली व ताकतवर देशों के समूह जी-20 का नेतृत्व कर रहे हैं। ये विश्व के वे 20 देश हैं जो दुनिया की 85 प्रतिशत जीडीपी, 75 प्रतिशत व्यापार, 60 प्रतिशत आबादी व 90 प्रतिशत इनोवेशन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर आधिपत्य रखते हैं।

स्वतंत्रता आंदोलन में यूपी के हर जिले, कस्बे की रही भागीदारी

काकोरी ट्रेन एक्शन के नायकों पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, ठाकुर रोशन सिंह, राजेंद्रनाथ लाहिड़ी, चंद्रशेखर आजाद समेत सभी ज्ञात-अज्ञात अमर बलिदानियों को श्रद्धांजलि देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम स्वातंत्र्य समर 1857 से लेकर 1947 म

तक उत्तर प्रदेश का कोई जिला या कस्बा ऐसा नहीं था जिसने आजादी के आंदोलनों में बढ़-चढ़कर भाग न लिया हो। उत्तर प्रदेश क्रांति की हर गाथा का गवाह है। 1857 का प्रथम स्वातंत्र्य समर उत्तर प्रदेश की धरती के लाल मंगल पांडेय की हुंकार से बैरकपुर में प्रारंभ हुआ। गोरखपुर में अमर बलिदानी बंधु सिंह ने उसी क्रांति की लौ को आगे बढ़ाया। रानी लक्ष्मीबाई झांसी से तो धन सिंह कोतवाल मेरठ से क्रांति के इस अभियान से जुड़े। 1922 में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ किसानों, मजदूरों, नौजवानों व आम जनता ने चौरीचौरा की ऐतिहासिक घटना को अंजाम दिया। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान डोहरिया में ऐतिहासिक आंदोलन हुआ।

क्रांतिकारियों से भयभीत थी ब्रिटिश हुकूमत

काकोरी बलिदान दिवस पर काकोरी ट्रेन एक्शन का जिक्र करते हुए सीएम योगी (CM Yogi) ने कहा कि भारत के खजाने को बाहर भेज रही ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ क्रांतिकारियों ने लखनऊ के काकोरी नामक स्थल पर इस क्रांति को अंजाम दिया था। इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां ठाकुर रोशन सिंह और राजेंद्र नाथ लाहिड़ी जैसे क्रांतिकारियों को गिरफ्तार किया था। पंडित बिस्मिल को गोरखपुर जेल में रखा गया और 19 दिसंबर 1927 को फांसी दी गई। अशफाक, रोशन व लाहिड़ी जी को अयोध्या प्रयागराज व गोंडा में फांसी दी गई।

ब्रिटिश हुकूमत इतनी भयभीत थी कि उसने लाहिड़ी जी को दो दिन पूर्व ही 17 दिसंबर 1927 को फांसी पर लटका दिया। पर इन बलिदानियों की क्रांति ज्वाला और तेजी से बढ़ती गई और अंततः 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हो गया। उन्होंने कहा कि काकोरी में 4600 रुपये का ही खजाना लूटा गया था लेकिन क्रांतिकारियों को पकड़ने में ब्रिटिश सरकार ने 10 लाख रुपए खर्च कर दिए। क्रांतिकारियों को मुकदमा पूरा सुने बिना ही फांसी की सजा दे दी गई। चंद्रशेखर आजाद ब्रिटिश हुकूमत के हाथ नहीं आए और उन्होंने स्वयं ही अपनी बलिदान कथा लिखी।

क्रांतिवीरों की प्रेरणा से कार्य कर रही डबल इंजन सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की डबल इंजन सरकार क्रांतिवीरों की प्रेरणा से कार्य कर रही है। पीएम मोदी के पंच प्रणों में से एक कि हर भारतीय गुलामी के अंशों को सर्वथा समाप्त करेगा और विरासत का सम्मान करेगा इसी प्रेरणा का महत्वपूर्ण हिस्सा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का निर्माण,  काशी विश्वनाथ का नव्य-भव्य एवं दिव्य स्वरूप हो या फिर बलिदानियो से जुड़े स्थलों पर भव्य स्मारकों का निर्माण, यह विरासत के प्रति सम्मान का ही प्रतीक है। डबल इंजन की सरकार उत्तर प्रदेश में क्रांतिकारियों की प्रेरणा को जीवंत बनाने के लिए अनेक कदम उठा रही है। गोरखपुर जेल में पंडित राम प्रसाद बिस्मिल का भव्य स्मारक बनाया गया है। गोरखपुर चिड़ियाघर का नाम अमर बलिदानी अशफाक उल्ला खां के नाम पर किया गया है। गोरखपुर में ही ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्र का नाम अमर बलिदानी बंधु सिंह के नाम पर रखा गया है। गोरखपुर के बरहलगंज में होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज का नाम स्वतंत्रता के अमर सेनानी राजा हरिप्रसाद मल्ल के नाम पर रखा गया है। कार्यक्रम को प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, गोरखपुर के सांसद रविकिशन शुक्ला, प्रमुख सचिव (पर्यटन एवं संस्कृति) मुकेश मेश्राम ने भी संबोधित किया। इस मौके पर स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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