नई दिल्ली। कोरोना से बचाव के लिए दुनिया को वैक्सीन के साथ ही साथ भारत उसका सुचारू वितरण सुनिश्चित करने के लिए को-विन (कोरोना वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) प्लेटफार्म (एप) भी उपलब्ध कराएगा। को-विन के जरिये वैक्सीन के कंपनी से निकलने से लेकर व्यक्ति को लगाए जाने तक उस पर नजर रखी जा सकेगी। इस एप के जरिये किसी इलाके में वैक्सीन की जरूरत और उपलब्धता के साथ-साथ उसे लेने वाले व्यक्ति की भी पूरी जानकारी उपलब्ध होगी।
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स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कोरोना वैक्सीन की उपलब्धता के साथ-साथ उसे सुरक्षित लोगों तक पहुंचाना सबसे बड़ी चुनौती है और को-विन इसका सबसे बेहतर समाधान उपलब्ध कराता है। यही कारण है कि कई देशों ने को-विन में भी दिलचस्पी दिखाई है। इस प्लेटफार्म की मदद से वैक्सीन के पूरे कोल्ड चेन के तापमान पर भी आसानी से नजर रखी जा सकती है। इससे वैक्सीन की डिलीवरी के दौरान कोल्ड चेन के टूटने की आशंका लगभग खत्म हो जाती है।
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वैक्सीन की डिलीवरी में कोल्ड चेन को बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती है। वैक्सीन वितरण में ई-विन (इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलीजेंस नेटवर्क) एक जांचा-परखा प्लेटफार्म है, जिसका इस्तेमाल भारत में हर साल करोड़ों बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए किया जाता है। कोरोना महामारी में बड़े पैमाने पर टीकाकरण की जरूरत को देखते हुए ई-विन को ही को-विन में तब्दील कर दिया गया है।
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पिछले महीने 190 से अधिक विदेशी राजनयिकों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों को विदेश मंत्रालय की ओर से भारत में वैक्सीन को लेकर की जा रही तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें वैक्सीन के ट्रायल, उनकी उत्पादन क्षमता के साथ ही को-विन की जानकारी भी शामिल थी। वैक्सीन को लेकर भारत पर दुनिया के भरोसे को इस बात से भी समझा जा सकता है कि 60 से अधिक देशों के राजनयिकों ने हैदराबाद में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली दो कंपनियों का दौरा किया।