चेन्नई। भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी 2023 ( Asian Champions Trophy) के सांस रोक देने वाले फाइनल में शनिवार को पिछड़कर वापसी करते हुए मलेशिया पर 4-3 की यादगार जीत दर्ज की।
भारत ने नौंवे मिनट में जुगराज सिंह के गोल से खाता खोला, लेकिन अबू कमाल (14वां मिनट), राज़ी रहीम (18वां मिनट) और मोहम्मद अमीनुद्दीन (28वां मिनट) ने एक-एक गोल जमाकर हाफ टाइम तक मलेशिया को 3-1 की बढ़त दिला दी। हरमनप्रीत सिंह (45वां मिनट) और गुरजंत सिंह (45वां मिनट) ने तीसरे क्वार्टर के आखिरी क्षणों में गोल जमाकर भारत की वापसी करवाई। अंततः, 56वें मिनट में आकाशदीप सिंह का गोल भारत की जीत में निर्णायक साबित हुआ।
एशियाई चैंपियन्स ट्रॉफी ( Asian Champions Trophy) की सबसे सफल टीम भारत ने चौथी बार यह खिताब जीता है, जबकि इससे पहले वह 2011, 2016 और 2018 में भी चैंपियन रह चुका है।
मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम पर शुरुआती मिनटों की खींचातानी के बाद पहला गोल भारत ने नौंवे मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर पर किया। कार्ति सेल्वम द्वारा अर्जित किये गये पेनल्टी कॉर्नर का उपयोग करने के लिये हरमनप्रीत फील्ड पर नहीं थे इसलिये जुगराज की जादुई ड्रैगफ्लिक ने भारत का खाता खोला। अज़राई ने हालांकि पहला क्वार्टर खत्म होने से पहले अज़ुआन हसन की मदद से मलेशिया के लिये स्कोर बराबर कर दिया।
मैच के 16वें मिनट में गुरजंत सिंह को ग्रीन कार्ड दिखाया गया और मलेशिया ने भारतीय खेमे में 10 खिलाड़ियों का फायदा उठाकर पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। शेलो सिल्वेरियस पहली कोशिश में चूक गये लेकिन दूसरी कोशिश में उन्होंने रहीम को सटीक पास देकर मलेशिया को बढ़त की स्थिति में पहुंचाया।
बढ़त मिलते ही मलेशियाई टीम का ध्यान डिफेंस पर केंद्रित हो गया। इस बीच, अमीनुद्दीन ने 28वें मिनट में मिले पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर मलेशिया की बढ़त 3-1 कर दी।
हाफ टाइम के बाद कुछेक मौकों पर भारतीय गोलकीपर की मुस्तैदी को आज़माया, हालांकि उसका मुख्य ध्यान भारत को अपने गोल तक पहुंचने से रोकने पर रहा। डिफेंस पर अत्यधिक केंद्रित रहना मलेशिया के लिये भारी पड़ा।
भारत ने 44वें मिनट में गोल करने के दो मौके गंवाये, लेकिन अगले ही मिनट मलेशियाई सर्किल में सुखजीत सिंह के गिरने से भारत को पेनल्टी स्ट्रोक मिल गया। हरमनप्रीत ने इस पेनल्टी स्ट्रोक को गोल में बदलने में कोई गलती नहीं की। कुछ ही क्षणों में मलेशियाई डिफेंस तितर-बितर हो गया और गुरजंत ने हरमनप्रीत की मदद से भारत को बराबरी पर लाने वाला गोल कर दिया।
मात्र 25 सेकंड के अंदर हुए इन दोनों गोलों से मेयर राधाकृष्णन स्टेडियम में बैठे भारतीय प्रशंसकों की जान में जान आ गयी। घरेलू दर्शकों के समर्थन के साथ भारत ने मलेशिया पर दबाव बनाना जारी रखा।
मलेशिया ने 50वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर अर्जित किया लेकिन अमित रोहिदास ने अपनी चौकसी से उसे बढ़त नहीं लेने दी। फील्ड के दूसरे छोर पर मलेशियाई गोलकीपर ने कार्ति सेल्वम के दो प्रयास रोके, हालांकि मैच के 56वें मिनट में आकाशदीप का सनसनीखेज़ शॉट भारत को बढ़त दिलाने में कामयाब रहा।
सुखजीत ने मिडफील्ड में मलेशियाई खिलाड़ी को छकाते हुए गेंद अपने कब्जे में ली और उसे मंदीप सिंह को पास किया। मंदीप ने गेंद आकाशदीप की ओर खेली और सर्किल से दूर खड़े आकाशदीप का दनदनाता हुआ शॉट मलेशियाई नेट में जाकर ही रुका।
भारत ने इसके बाद भी आक्रमण जारी रखा और मलेशिया को सांस लेने का मौका नहीं दिया। येलो कार्ड के कारण 10 खिलाड़ियों तक सीमित हो गयी मलेशियाई टीम ने आखिरी क्षणों में गोलकीपर को हटाकर सभी खिलाड़ी फील्ड पर उतार दिये, लेकिन वह स्कोर बराबर नहीं कर सकी।