पोचेफस्ट्रूम (दक्षिण अफ्रीका)। खेल के हर विभाग में इंग्लैंड को घुटनों पर बैठा कर भारत ने रविवार को पहले अंडर-19 महिला टी20 विश्वकप (Women’s Under-19 World Cup) का खिताब अपने नाम कर लिया।
सेनवेस पार्क मैदान पर भारतीय लड़कियों का जलवा सिर चढ़ कर बोला। भारतीय गेंदबाजों के आगे इंग्लैंड 17.1 ओवर में मात्र 68 रनों पर ढेर हो गयी। इसके जवाब में भारत ने सिर्फ 14 ओवर में लक्ष्य हासिल करके विश्व विजेता होने का गौरव हासिल किया।
अपना 19वां जन्मदिन मनाने वाली शेफाली ने मैच के फाइनल में पहुंचने पर कहा था कि उनके लिये जन्मदिन का उपहार विश्वकप के खिताब से ज्यादा और कुछ नहीं हो सकता। टीम की साथियों ने उनकी इस मुराद को पूरा किया और समूचे भारत का ध्यान महिला क्रिकेट के सुनहरे भविष्य की ओर खींचने में सफलता हासिल की।
तीतास साधु (छह रन पर दो विकेट),अर्चना देवी (17 रन पर दो विकेट) और पार्शवी चोपड़ा (13 रन पर दो विकेट) की तिकड़ी के आगे अंग्रेज लड़कियां पानी भरती नजर आयीं। वहीं मन्नत कश्यप, शेफाली वर्मा और सोनम यादव ने एक-एक विकेट लेकर इंग्लैंड का पुलिंदा निर्धारित ओवर से 17 गेंद पहले ही बांधने में अहम भूमिका अदा की।
मात्र 69 रन के विजयी लक्ष्य के साथ मैदान पर उतरी शेफाली (15) ने एक चौके और छक्के के साथ चिरपरिचित अंदाज में पारी की शुरूआत की, हालांकि वह हैना बेकर की गेंद पर एलेक्सा स्टोनहाउस को कैच दे बैठीं। दूसरे छोर पर श्वेता सेहरावत भी पांच रन बनाकर ही आउट हो गयीं। भारत के दो विकेट सिर्फ 20 रन गिरने के बाद सौम्या तिवारी (24 नाबाद) और गोंगड़ी तृषा (24) ने भारत को छह ओवर शेष रहते जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया।
सौम्या 37 गेंदों पर तीन चौकों के साथ 24 रन बनाकर नाबाद रहीं, जबकि गोंगड़ी ने 29 गेंदों पर तीन चौकों के साथ 24 रन की पारी खेली। दोनों के बीच 46 रन की साझेदारी हुई और गोंगड़ी के आउट होने के बाद सौम्य ने विजयी रन बनाकर भारत को यह ऐतिहासिक जीत दिलाई।
इससे पूर्व, कप्तान शेफाली ने टॉस जीतकर इंग्लैंड को पहले बल्लेबाजी करने का न्योता दिया जिसे सही ठहराते हुये साधु ने अपने पहले ही ओवर में इंग्लैंड की सलामी बल्लेबाज लिबर्टी हीप को शून्य पर चलता कर दिया। बाद में निमाह हालैंड ने रन गति को तेज करने का प्रयास किया मगर सफल नहीं हुईं।
नियमित अंतराल पर विकेट गिरने के कारण पहले दस ओवर में ही इंग्लैंड की आधी टीम 39 रन जोड़ कर पवेलियन लौट चुकी थी। भारतीय गेंदबाजों का कहर इस कदर बरपा कि इंग्लैंड के छह खिलाड़ी दहाई के अंक भी नहीं जुटा सके। रयान मैकडोनाल्ड-गे (19), एलेक्सा स्टोनहाउस (11), सोफिया स्मेल(11) और निआह हॉलैंड (10) ही कुछ समय तक क्रीज पर टिक सकीं, जिसके दम पर इंग्लैंड ने 17.1 ओवर में 68 रन बनाये।