जम्मू-कश्मीर। नकियाल में पाकिस्तानी आतंकियों का हब है और यहां आतंकियों के करीब 7 बड़े ट्रेनिंग कैंप चलते हैं। यहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है। यहां पोस्ट पर पाकिस्तान की तरफ से गोलाबारी होती रहती है। दो दिन पहले ही पाकिस्तान ने सीज फायर का उल्लंघन किया और ज्यादा कैलिबर के हथियारों का इस्तेमाल किया। पहले जहां छोटे हथियारों का इस्तेमाल होता था वहीं अब पाकि्स्तान हर तरह के हथियार इस्तेमाल कर रहा है।
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यहां हमें पाकिस्तान की नापाक हरकतों के सबूत भी मिले। कांच में गोलियों के निशान अब भी हैं और पाकिस्तानी सेना ने जो मोर्टार दागे उसके अवशेष भी यहां मौजूद हैं। जिसमें पाकिस्तानी ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की स्टैंप है। सितंबर में यहां दो दिन तक लगातार गोलाबारी होती रही। आतंकियों का दूसरा बड़ा गढ़ कोटली है जो यहां से 50 किलोमीटर दूर है। बोर्ड पर लिखा है कि रावलपिंडी 178 किलोमीटर की दूरी पर है और इस्लामाबाद वेल विदइन रेंज, यानी भारतीय सेना की एकदम पहुंच में।
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सीजफायर की आड़ में पाकिस्तान आतंकियों को घुसपैठ कराने की कोशिश करता है। नकियाल यहां से नजदीक है इसलिए यहां सबसे ज्यादा घुसपैठ की कोशिश होती है। 1 दिसंबर को ही 6 आतंकियों के एक ग्रुप ने घुसपैठ की कोशिश की। भारतीय सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया और तीन भाग गए। यहां घने जंगल होने की वजह से आतंकी छुपकर घुसने की ज्यादा कोशिश करते हैं। लेकिन भारतीय सैनिक दिन रात मुस्तैद हैं और आतंकियों को कोई मौका नहीं देते।