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Alibaba और जैक मा के खिलाफ भारतीय अदालत ने जारी किया सम्मन

Alibaba और जैक मा

Alibaba और जैक मा

नई दिल्ली। भारत की एक अदालत ने चीन की दिग्गज कंपनी Alibaba और उसके संस्थापक जैक मा को कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी की शिकायत पर सम्मन जारी किया है। कंपनी के एक पूर्व कर्मचारी ने अपनी शिकायत में कहा है कि Alibaba के एप्स पर सेंसरशिप और फर्जी खबरों को लेकर आपत्ति जताए जाने पर उसे गलत तरीके से नौकरी से निकाल दिया गया। यह मामला ऐसे समय में प्रकाश में आया है जब कुछ सप्ताह पहले ही भारत ने Alibaba के UC News, UC Browser सहित 59 एप्स को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए प्रतिबंधित कर दिया था।

Alibaba के UC Web के पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र सिंह परमार ने अदालत में अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी ऐसे कंटेंट को सेंसर करती थी, जो चीन के खिलाफ हों। साथ ही कंपनी के UC Browser और UC News ‘सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल पैदा करने’ के लिए फर्जी खबरें दिखाते थे।

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दिल्ली से सटे गुरुग्राम की सिविल जज सोनिया शिवखंड ने इस शिकायत के आधार पर Alibaba, जैक मा और एक दर्जन व्यक्तियों या कंपनी की इकाइयों को सम्मन जारी कर 29 जुलाई को अदालत में व्यक्तिगत रूप से या वकील के जरिए पेश होने को कहा है।  सम्मन के मुताबिक जज ने कंपनी और उसके अधिकारियों से 30 दिन के भीतर लिखित में जवाब देने को भी कहा है।

UC India ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारतीय बाजार और स्थानीय कर्मचारियों के कल्याण के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता अटूट है और उसकी नीतियां स्थानीय नियमों के अनुरूप हैं। हालांकि, कंपनी ने इस मामले को लेकर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

गुरुग्राम में अक्टूबर, 2017 तक UC Web में एसोसिएट डायरेक्टर के पद पर काम कर चुके परमार ने 2,68,000 डॉलर की क्षतिपूर्ति की रकम मांगी है।

परमार ने 200 पृष्ठ से ज्यादा की अपनी याचिका में UC News के कुछ पोस्ट्स के क्लिप्स लगाए हैं। इन क्लिप्स में दी गई खबरों को परमार ने फर्जी करार दिया है। परमार की ओर से साझा किए गए क्लिप में 2017 का एक पोस्ट है, जिसके शीर्षक में कहा गया है कि ‘आज मध्यरात्रि से 2,000 रुपये के नोट बैन हो जाएंगे।’ वहीं, 2018 के एक पोस्ट की हेडलाइन में कहा गया है कि ‘अभी-अभी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू हो गया है।’

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रायटर याचिका में शामिल किए गए इन दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है। हालांकि, भारत ने 2,000 रुपये के नोट को प्रतिबंधित नहीं किया है और ना ही 2018 में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध हुआ था।

इस याचिका में संवेदनशील शब्दों की एक सूची भी है। बकौल परमार कंपनी इन्हीं कीवर्ड्स के आधार पर भारत में अपने प्लेटफॉर्म पर सामग्री को सेंसर करती थी। परमार की ओर से दिए गए कीवर्ड्स में “India-China border” और “Sino-India war” शामिल हैं।

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