नई दिल्ली। चीन से सीमा पर तनाव के बीच भारतीय नौसेना को मजबूत करने की कवायद शुरू हो गई है। भारत ने इस बारे में अमेरिकी सरकार को 11.127 मिमी मध्यम कैलिबर की बंदूकें हासिल करने के लिए एक अनुरोध पत्र जारी किया है। इसमें भारतीय नौसेना को विशाखापत्तनम श्रेणी के विध्वंसक युद्धपोतों से सुसज्जित किया जाना है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि नई योजना के अनुसार, अमेरिकी प्रशासन को एलओआर जारी किया गया है।
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पिछले चार सालों में भारतीय नौसेना ने अपने अमेरिकी समकक्ष के साथ बहुत करीबी काम संबंध विकसित किए हैं, क्योंकि सैन्यबलों को ज्यादातर नए उपकरण अमेरिका से आ रहे हैं। टोही विमानों सहित सैन्य बलों में रूसी उपकरणों को पी -8 आई विमान से बदला गया है। नएस बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर भी अमेरिका से आ रहे हैं क्योंकि सी-हेलिंग हेलिकॉप्टरों को एमएच -60 रोमियो द्वारा बदला जाएगा।
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भारतीय नौसेना को प्रदान की जाने वाली पहली तीन बंदूकें अमेरिकी नौसेना वस्तुसूची से होंगी, ताकि भारतीय युद्धपोत पूरी तरह से जल्द से जल्द सुसज्जित हों। भारतीय और अमेरिकी रक्षा बलों के बीच सैन्य संबंध स्थापित करते हुए सौदा किया गया है। भारतीय नौसेना को युद्धपोतों से तत्काल लैस करने के लिए अमेरिकी नौसेना 3,800 करोड़ रुपये से तीन 127 मध्यम कैलिबर बंदूकें खरीदी जाएंगी।
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एक बार अमेरिका में नई बंदूकों का उत्पादन शुरू हो जाता है और वे दूसरों देशों को देने के लिए तैयार हो जाती हैं। भारतीय युद्धपोतों पर अमेरिकी नौसेना की बंदूकों को नए सिरे से बदला जाएगा। मध्यम कैलिबर गन भारतीय नौसेना में एक नई प्रविष्टि होगी और समुद्री बल में एक समान वर्ग के मौजूदा हथियारों पर अपग्रेड होगी। भारतीय युद्धपोतों पर अमेरिकी नौसेना की बंदूकों को नए सिरे से बदला जाएगा। मध्यम कैलिबर गन भारतीय नौसेना में एक नई प्रविष्टि होगी और समुद्री बल में एक समान वर्ग के मौजूदा हथियारों पर अपग्रेड होगी।