भारतीय रेलवे की सर्विसेज दुरुस्त करने के लिए और रेलवे स्टेशनों को हवाई अड्डे का शक्ल देने के लिए सरकार की निजीकरण की योजना पर कोविड की वजह से हुए लॉकडाउन का कोई असर नहीं पड़ा है। रेल मंत्रालय की तरफ से बीते दिसंबर में ग्वालियर, नागपुर, अमृतसर और साबरमती रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए बोली मंगायी गई थी। इसे बीते 26 जून को खोला गया था, जिसमें कुल 32 बोलियां मिली थीं। इनमें से 29 बोली को रेलवे ने स्वीकार कर लिया है।
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रेल मंत्रालय की तरफ से स्टेशनों के निजीकरण के लिए बोली मंगाने वाला संगठन इंडियन रेलवे स्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से रिक्वेस्ट फॉर क्वॉलिफिकेशन के 32 ऐप्लिकेशन में से 3 निरस्त हो गए है। भारतीय रेलवे के मुताबिक नागपुर के लिए 6 बोली, ग्वालियर के लिए 8 बोली, अमृतसर के लिए 6 बोली जबकि साबरमति के लिए 9 बोली योग्य पाई गई हैं।
भारतीय रेलवे अपने चुनिंदा स्टेशनों को हवाई अड्डे की तरह विकसित करना चाहते है। जिसे रेलोपोलिस नाम दिया गया है। इन स्टेशनों में रियल एस्टेट का हब भी विकसित किया जाएगा। वहां आवासीय फ्लैट तो होंगे ही, वहां मॉल और शैक्षणिक संस्थान भी बनाये जाएंगे।