भारतीय महिला टीम (Indian Women Cricket Team) ने सात साल के अंतराल के बाद इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच खेला। इसमें भारत की कई खिलाड़ियों ने पदार्पण किया और इंग्लैंड के जीत के मंसूबों पर पानी फेरते हुए मैच ड्रॉ कर दिया। इसमें भारत की हरफनमौला खिलाड़ी स्नेह राणा (Sneh Rana) का बेहतरीन योगदान रहा। उन्होंने अपनी गेंद से इंग्लैंड की चार बल्लेबाजों को आउट किया और फिर अहम समय पर बल्ले से कमाल करते हुए नाबाद 80 रनों का पारी खेल मैच ड्रॉ करा दिया। राणा पांच साल बाद भारतीय टीम में वापसी कर रही थीं और अपना पहला टेस्ट मैच खेल रही थी। टेस्ट टीम की कप्तान मिताली राज ने राणा की सफलता का कारण बताया है। उन्होंने कहा है कि राणा ने घरेलू सत्र खेला और वहां अच्छा किया जिसके कारण उन्हें इंटरनेशनल स्तर पर फायदा हुआ।
मिताली ने कहा है कि घरेलू सीजन खेलने के बाद उनका मनोबल बढ़ा होगा। उन्होंने साथ ही राणा के साथ पदार्पण करने वाली बाकी खिलाड़ियों की तारीफ भी की। मिताली ने क्रिकइंफो से कहा, ‘राणा ने अच्छी वापसी की लेकिन उन्होंने इससे पहले कुछ अच्छे घरेलू सीजन खेले। मुझे यकीन है कि इससे उनका मनोबल बढ़ा होगा। उन्होंने तान्या भाटिया और शिखा पांडे के साथ अच्छे से पारी को संभाला। ये साझेदारियां हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण रहीं। मैं सभी डेब्यू करने वाली खिलाड़ियों से प्रभावित हूं। शेफाली वर्मा, दीप्ति शर्मा, स्नेह, तान्या और पूजा वस्त्राकर ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हमें यह समझना होगा कि इन खिलाड़ियों के पास अनुभव नहीं है और हम इन पर ज्यादा दबाव नहीं डाल सकते।’ राणा ने आठवें नंबर पर उतरकर सूझबूझ भरी पारी खेली और धैर्य के साथ बल्लेबाजी करते हुए नाबाद 80 रन बना मैच ड्ऱॉ कराया। उस दौरान उन्होंने तान्या के साथ शतकीय साझेदारी की। राणा ने अपने पहले टेस्ट मैच में ही कई रिकॉर्ड बनाए। वह डेब्यू टेस्ट में फिफ्टी लगाने और एक पारी में चार विकेट लेने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर हैं। वहीं दुनिया में वह ऐसा प्रदर्शन करने वाली चौथी खिलाड़ी हैं। उन्होंने इंग्लैंड की पहली पारी में चार विकेट लिए थे।
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कुछ दिन पहले पिता को खोया
27 साल की स्नेह राणा ने करीब पांच साल बाद भारतीय टीम में जगह बनाई थी। साथ ही इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट के लिए भारतीय टीम में चयन होने से कुछ दिन पहले ही उनके पिता का निधन हो गया था। इस बारे में उन्होंने पहले दिन के खेल के बाद कहा था, ‘कुछ महीने पहले मेरे पिता का निधन हो गया था। टीम की घोषणा होने से कुछ दिन पहले मैने उन्हें खो दिया। यह काफी कठिन था और भावुक भी क्योंकि वह मुझे भारत के लिए खेलते देखना चाहते थे लेकिन वह नहीं देख सके। यह जिंदगी का हिस्सा है लेकिन मैंने जो कुछ किया और आगे भी जो कुछ करूंगी, वह उन्हें ही समर्पित होगा।’