बेंगलुरु। भारत के तेज गेंदबाज विनय कुमार ने प्रथम श्रेणी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से शुक्रवार को संन्यास ले लिया है। विनय ने अपने 16 साल के प्रथम श्रेणी करियर को समाप्त करने की घोषणा की, जिसने उन्हें दिग्गज राष्ट्रीय खिलाड़ी बनाया।
विनय ने अपना प्रथम श्रेणी करियर 139 मैचों में 504 विकेटों के साथ समाप्त किया है, जिसमें 442 विकेट रणजी ट्रॉफी में आए, जो राजिंदर गोयल (637), एस वेंकटराघवन (530) और कर्नाटक के उनके पूर्व कप्तान सुनील जोशी (479) के बाद तेज गेंदबाजों में सबसे ज्यादा और ओवरऑल चौथे नंबर पर हैं।
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अपनी बेहतरीन तेज गेंदबाजी की बदौलत विनय ने 2011-12 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर पर्थ के मैदान पर अपना टेस्ट पदार्पण किया। इसके बाद उन्होंने 31 एकदिवसीय और नौ टी20 मैच खेले, जिसमें उन्होंने क्रमशः 38 और 10 विकेट लिए। 2013 से 2015 तक विजय हजारे ट्रॉफी, रणजी ट्रॉफी और ईरानी कप में कर्नाटक की कप्तानी करना विनय के करियर के सबसे अच्छे साल रहे। विनय ने पुडुचेरी के लिए एक सत्र खेलने के बाद संन्यास लेने से पहले कर्नाटक के लिए सबसे ज्यादा वर्षाें तक क्रिकेटा खेला।
विनय ने एक बयान में संपर्क में बने रहने और क्रिकेट को अपना योगदान देते रहने की उम्मीद जताई है। विनय ने अपने प्रथम श्रेणी करियर के बारे में कहा कि रणजी ट्रॉफी को वापस जीतना मेरे करियर का सबसे गौरवपूर्ण क्षण था। 2013-14 में कर्नाटक ने 14 वर्ष बाद रणजी ट्रॉफी जीती थी। हम 2009-10 में फाइनल में पहुंचे, लेकिन मुंबई से केवल छह रन के अंतर से हार गए। हमने ईरानी और विजय हजारे ट्रॉफी भी जीती और अगले साल जीत को दोहराना सोने पर सुहागा था।