रोहतक। भारत में विकसित पहली कोरोना वैक्सीन Covaxin का ह्यूमन ट्रॉयल शुरू हो गया है। Covaxin पर शुक्रवार को हरियाणा के रोहतक से गुड न्यूज आई। वहां पीजीआई में वॉलंटिअर्स के पहले ग्रुप को Covaxin की पहली डोज दी गई। हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज के मुताबिक, तीनों कैंडिडेट्स के शरीर ने वैक्सीन को आसानी से स्वीकार कर लिया। उन पर किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।
हरियाणा के हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने ट्वीट किया, ”भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन COVAXIN का पीजीआई रोहतक में ह्यूमन ट्रायल शुरू हो गया है। आज तीन वॉलंटियर्स को एनरोल किया गया था। सभी पर वैक्सीन का सही असर हुआ है, कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला।”
Human trial with Corona vaccine (COVAXIN) of Bharat Biotech started at PGI Rohtak today. Three subjects were enrolled today. All have tolerated the vaccine very well. There were no adverse efforts.
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) July 17, 2020
बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) और भारत बायोटेक ने मिलकर Covaxin नाम से वैक्सीन बनाई है।
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जानकारी के अनुसार 18 से 55 साल की उम्र वाले स्वस्थ लोगों को यह वैक्सीन दो डोज में दी जानी है। फेज 1 ट्रायल में दूसरी डोज 14वें दिन पर दी जाएगी। टोटल 1,125 वॉलंटिअर्स पर स्टडी होनी है जिसमें से 375 पहले फेज में शामिल होंगे और 750 दूसरे फेज में। टेस्ट के बीच में 4:1 का रेशो होगा। यानी अगर 4 मरीज को वैक्सीन दी जाएगी तो एक को सिर्फ देने का नाटक किया जाएगा। इसे साइकॉलजी में placebo कहते हैं।
इस वैक्सीन का ट्रायल देश में अलग-अलग शहरों के 14 रिसर्च इंस्टीच्यूट्स में किया जा रहा है। इन शहरों में नई दिल्ली, रोहतक, हैदराबाद, विशाखापट्नम, पटना, कानपुर, गोरखपुर, भुवनेश्वर, चेन्नई और गोवा शामिल हैं। पटना एम्स में चार दिन पहले ट्रायल शुरू हो चुका है। शुरुआती डोज कम रहेगी। ट्रायल में यह देखा जाएगा कि वैक्सीन देने से किसी तरह का खतरा तो नहीं है, उसके साइड इफेक्ट्स क्या हैं। कोविड-19 के अलावा लिवर और फेफड़ों पर कैसा असर हो रहा है, यह भी जांच की जाएगी। इसीलिए पहले फेज को ‘सेफ्टी एंड स्क्रीनिंग’ कहा गया है।
आपको बता दें, कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए दुनियाभर में 140 से ज्यादा वैक्सीन पर काम चल रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार, कई वैक्सीन अब फेज 2 ट्रायल से आगे बढ़ चुकी हैं।
वैक्सीन विकसित करने की रेस में जो सबसे आगे हैं उनमें ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी, मॉडर्ना, एस्ट्रा-जेनेका, कैनसिनो और साइनोफार्म आगे चल रही हैं। भारत में भी दो वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है।