नई दिल्ली| कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। इससे भारतीयों की कमाई में गिरावट आएगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया है कि 31 मार्च, 2021 को खत्म हो रहे इस वित्त वर्ष के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10.3 फीसदी की गिरावट के साथ 1877 डॉलर रह जाएगी।
आईएमएफ की रिपोर्ट के मुताबिक पड़ोसी बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी 2020 में चार फीसदी बढ़कर 1,888 डॉलर पहुंचने का अनुमान है। इस तरह कमाई के मुकाबले में भारतीय बांग्लादेशियों से पीछे हो जाएंगे।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) किसी देश की सीमा में एक निर्धारित समय के भीतर तैयार सभी वस्तुओं और सेवाओं के बाजार मूल्य को कहते हैं। प्रति व्यक्ति जीडीपी यह बताती है कि किसी देश में प्रति व्यक्ति के हिसाब से आर्थिक उत्पादन कितना है। इसकी गणना किसी देश के कुल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में वहां की कुल जनसंख्या से भाग देकर निकाला जाता है।
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आईएमएफ के वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दक्षिण एशिया में तीसरा सबसे गरीब देश बनने की ओर अग्रसर है। केवल पाकिस्तान और नेपाल की प्रति व्यक्ति जीडीपी ही भारत से कम होगी जबकि बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका और मालदीव जैसे देश भारत से आगे होंगे। बांग्लोदश की प्रति व्यक्ति जीडीपी इस वजह से भी इस साल भारत से ज्यादा हो सकती है, क्योंकि वहां की जनसंख्या भारत के मुकाबले काफी कम है।
हालांकि, आईएमएफ ने अनुमान जताया है कि 2021 में प्रभावशाली 8.8 प्रतिशत की विकास दर के साथ भारत, एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में वापसी कर सकता है। इस प्रकार सबसे तेजी से बढ़ती उभरती अर्थव्यवस्था की स्थिति को फिर से हासिल करते हुए भारत चीन की अनुमानित विकास दर 8.2 प्रतिशत को पार कर सकता है।