नई दिल्ली| कोरोना महामारी की वजह से जून में समाप्त तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि में 24% गिरावट दर्ज की गई। फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक इस प्रतिकूल परिस्थिति के बावजूद देश के 100 सबसे अमीरों में से आधे ने सामूहिक रूप से 14% की बढ़त के साथ अपनी संपत्ति 517.5 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया।
इन आधे रईसों में से नंबर एक पर काबिज मुकेश अंबानी ने 13 वर्ष के दौरान अपनी संपत्ति में 73% की वृद्धि की। इस दौरान उन्होंने 37.3 अरब डॉलर का इजाफा कर अपनी नेटवर्थ को 88.7 अरब डालर तक पहुंचा दिया।
बता दें भारत में अभी तक कोविड-19 के 68,35,655 मामले सामने आ चुके हैं, जबकि पिछले 24 घंटे में 971 और लोगों की संक्रमण से मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,05,526 हो गई है और 58,27,704 लोग कोरोना से मुक्त हो चुके हैं।
देश के लॉकडाउन के बीच रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में वृद्धि हुई। इस दौरान अंबानी ने जियो प्लेटफार्म के लिए 20 अरब डॉलर से अधिक की राशि जुटाई। निवेशक अब रिलायंस रिटेल पर नज़र रख रहे हैं, जिसने पहले ही 5 अरब डॉलर से अधिक जुटा लिए हैं और हाल ही में एक बड़ा अधिग्रहण किया है।
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वहीं इस साल फिर से नंबर 2 पर इन्फ्रास्ट्रक्चर के दगग्ग्ज कारोबारी गौतम अडानी हैं, जिन्होंने अपने नेट वर्थ को 25.2 अरब डॉलर तक बढ़ाया है। महामारी और मंदी के बीच अडानी ने देश के दूसरे सबसे व्यस्ततम मुंबई हवाई अड्डे में 74% हिस्सेदारी हासिल कर ली।
वैश्विक स्वास्थ्य संकट के साथ फार्मा उद्यमियों ने अच्छा प्रदर्शन किया। वैक्सीन किंग अरबपति साइरस पूनावाला, जो बेटे अदार के नेतृत्व में कोविड-19 वैक्सीन के उत्पादन की दौड़ में शामिल हो गए हैं। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की वजह से पूनावाला की संपत्ति में 26% यानी 11.5 अरब डॉलर का उछाल आया।
वायरस का इलाज करने के लिए ड्रग्स बनाने वाली सूचीबद्ध कंपनियों ने अपने शेयरों में खूब उछाल देखा गया। सूची में प्रतिशत के हिसाब से सबसे बड़ा हिस्सा हासिल करने वाले बायोकॉन के संस्थापक किरण मजूमदार-शॉ हैं, जिनकी संपत्ति लगभग दोगुनी बढ़कर 4.6 बिलियन डॉलर हो गई है।