माउंट मेरापी ज्वालामुखी (Mount Merapi Volcano) शनिवार को फट पड़ा। आसपास के गांवों के ऊपर राख की बारिश हुई है। विस्फोट के बाद निकला धुएं और राख का गुबार सात किलोमीटर की ऊंचाई तक गया। फिलहाल किसी के हताहत होने की खबर नहीं आई है। लेकिन आसपास के गांवों के लोगों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है।
इंडोनेशिया की सांस्कृतिक राजधानी योग्याकार्ता के पास मौजूद जावा द्वीप के इस ज्वालामुखी की ऊंचाई 9737 फीट है। विस्फोट के बाद इसकी राख चोटी से 9600 फीट ऊपर तक गई। स्थानीय प्रशासन ने आसपास का सात किलोमीटर का इलाका खाली करा दिया है। देश के डिजास्टर मिटिगेशन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा कि फिलहाल ज्वालामुखी (Volcano) से हुए नुकसान का अनुमान लगाना मुश्किल है। लोगों को उस इलाके से दूर जाने को कहा गया है।
Indonesia’s Mount Merapi, one of the world’s most active volcanoes, has erupted, spewing out smoke and ash that blanketed villages near the crater https://t.co/FBWiuXGpCL pic.twitter.com/OIzGlHESXM
— AFP News Agency (@AFP) March 11, 2023
अब्दुल मुहारी ने कहा कि आसपास के लोगों को राख की वजह से दिक्कत हो रही है। साथ ही ज्वालामुखीय गर्म मिट्टी के फ्लैश फ्लड की भी आशंका है। ऐसी स्थिति बारिश होने की वजह से होती है। अक्सर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद बारिश हो जाती है। इस ज्वालामुखी के एकदम नजदीक करीब आठ गांव हैं। जहां पर राख की बारिश हुई है। इस ज्वालामुखी ने दो साल पहले जनवरी के महीने में भी लगातार गर्जना की थी। तब यह 28 दिनों तक लावा फेंकता रहा था।
सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी (Volcano) इंडोनेशिया में ही हैं
दुनिया में 1500 एक्टिव यानी सक्रिय ज्वालामुखी है। दुनिया में सबसे ज्यादा सक्रिय यानी एक्टिव ज्वालामुखी इंडोनेशिया में हैं। यहां पर कुल 121 ज्वालामुखी हैं। जिसमें से 74 ज्वालामुखी सन 1800 से सक्रिय हैं। इनमें से 58 ज्वालामुखी साल 1950 से सक्रिय हैं। यानी इनमें कभी भी विस्फोट हो सकता है। सात ज्वालामुखियों में तो 12 अगस्त 2022 के बाद से लगातार विस्फोट हो ही रहा है। ये हैं- क्राकटाउ, मेरापी, लेवोटोलोक, कारांगेटांग, सेमेरू, इबू और डुकोनो।
क्यों होता है इन ज्वालामुखियों (Volcano) में विस्फोट?
अब सवाल ये उठता है कि आखिर यहीं पर इतने सक्रिय ज्वालामुखी क्यों हैं? इसकी तीन बड़ी वजहें हैं। पहला ये कि इंडोनेशिया जिस जगह हैं, वहां पर यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट दक्षिण की ओर खिसक रही हैं। इंडियन-ऑस्ट्रेलियन टेक्टोनिक प्लेट उत्तर की ओर खिसक रही है। फिलिपीन्स प्लेटपश्चिम की तरफ जा रही है। अब इन तीनों प्लेटों में टकराव या खिसकाव की वजह से ज्वालामुखियों में विस्फोट होता रहता है।
फटते हुए ज्वालामुखियों (Volcano) का देश है इंडोनेशिया
असल में इंडोनेशिया को फटते हुए ज्वालामुखियों का देश भी कहा जाता है। यह देश पैसिफिक रिंग ऑफ फायर (Pacific Ring of Fire) के ऊपर बसा है। इस इलाके में सबसे ज्यादा भौगोलिक और भूगर्भीय गतिविधियां होती हैं। जिसकी वजह से भूकंप, सुनामी, लावा के गुंबदों का बनना आदि होता रहता है। इंडोनेशिया का सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी केलूट (Kelut) और माउंट मेरापी (Mount Merapi) हैं। ये दोनों ही जावा प्रांत में हैं।
झोपड़ी में लगी भीषण आग, बच्चों समेत पांच लोगों की मौत
अब आपको बताते हैं उन चार अन्य देशों के बारे में जहां पर सबसे ज्यादा एक्टिव ज्वालामुखी है। इंडोनेशिया के बाद अगर किसी देश में सबसे ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं। तो वह है अमेरिका। यहां पर 63, जापान में 62, रूस में 49 और चिली में 34 सक्रिय ज्वालामुखी है। यानी ये सभी ज्वालामुखी या तो फट रहे हैं। या कभी भी फट सकते हैं।