लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव (Nikay Chunav) के सहारे 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत आधार रखने में जुटी सपा ( Samajwadi Party) के सामने अब अपने ही मुसीबत बन रहे हैं। कहीं पर बगावत, कहीं उम्मीदवार मैदान छोड़कर दूसरे दल का दामन थाम रहे हैं तो कई जगह पर सपा विधायक टिकट में अनदेखी का आरोप लगाते हुए अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। इस तरह से अखिलेश यादव के लिए सपा में मची अंतर्कलह सियासी संकट बन गई है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी सपा को इसी तरह की खामियों के चलते मात खानी पड़ी थी।
सपा ( Samajwadi Party) के कैंडिडेट ने बदला पाला
सपा नगर निगम के मेयर चुनाव में पूरे दमखम के साथ मैदान में उतरी है, लेकिन किसी प्रत्याशी ने अपने कदम पीछे खींच लिए हैं तो किसी ने पाला बदल लिया है। शाहजहांपुर नगर निगम में अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा की बहू अर्चना वर्मा को मेयर का उम्मीदवार बनाया था, लेकिन अब वो बीजेपी के टिकट पर किस्मत आजमा रही हैं। इससे सपा को बड़ा झटका लगा, जिसके बाद पार्टी ने माला राठौर को प्रत्याशी बनाया। इसी तरह से बरेली नगर निगम के लिए सपा ने संजीव सक्सेना को मेयर प्रत्याशी बनाया था। सक्सेना ने नामांकन भी दाखिल कर दिया था, लेकिन पार्टी ने अब डॉ. आइएस तोमर को चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया है। इस तरह संजीव सक्सेना को अपने कदम पीछे खींचने पड़ सकते हैं।
सपा ( Samajwadi Party) में बगावत से गहराया संकट
नगर निकाय चुनाव में सपा के टिकटों के ऐलान के साथ ही बगावत भी तेज हो गई है। रायबरेली नगर पालिका सीट पर सपा ने मनोज पांडेय की मर्जी से परसनाथ को प्रत्याशी बनाया तो मो। इलियास उर्फ मन्नी समेत कई नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया। मन्नी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया, जिसके बाद सपा के लिए रायबरेली में सीट पर संकट गहरा गया है, क्योंकि पार्टी के तमाम नेता सपा उम्मीदवार से नाखुश हैं। ऐसे में रायबरेली का मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता दिख रहा है और सपा लड़ाई से बाहर दिख रही है।
हापुड़ में सपा का चेयरमैन बनना मुमकिन नहीं लग रहा है। पिलखुवा नगर पालिका सीट से मो। बिलाल को सपा ने प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में उनका टिकट काटकर प्रवीण प्रताप उर्फ राजा भैया को कैंडिडेट बना दिया है। बिलाल अब बागी हो चुके हैं। हापुड़ नगर पालिका अध्यक्ष पद सीट पर भी भूचाल आ गया है। पार्टी ने पहले अनिल आजाद को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन बाद में सपा ने आजाद समाज पार्टी की पूजा को समर्थन कर दिया है।
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बाराबंकी की हैदरगढ़ नगर सीट पर सपा के पूर्व विधायक राममगन रावत ने टिकट न मिलने पर पार्टी से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी है तो बलिया के सिकंदरपुर से सपा विधायक और पूर्व मंत्री मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी ने विद्रोही तेवर दिखाते हुए पार्टी के घोषित उम्मीदवार के विरोध में निर्दलीय उम्मीदवार को चुनाव लड़ाने का ऐलान कर दिया है। सिकंदरपुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए सपा ने दिनेश चौधरी को टिकट दिया है जबकि रिजवी ने उनके खिलाफ भीष्म यादव को अपना समर्थन दिया है। इस तरह कमोबेश पूरे प्रदेश में स्थिति है, जहां सपा के टिकट वितरण के साथ पार्टी में अंतर्कलह मच गई है।