उत्तराखंड पुलिस ने भिक्षावृत्ति अथवा बच्चों से भीख मंगवाने को रोकने तथा उन्हें शिक्षा के लिए प्रेरित किये जाने हेतु संचालित अभियान “ऑपरेशन मुक्ति’’ में पिछले पंद्रह दिनों में कुल 735 बच्चों को विद्यालयों में प्रवेश के लिये चिह्नित किया गया है।
पुलिस मुख्यालय द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार, एक मार्च से 30 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान का प्रथम चरण 15 मार्च को पूरा हुआ। इन पन्द्रह दिनों में भिक्षा मांगने, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने आदि कार्यों में लगे कुल 1438 बच्चों का सत्यापन किया गया। इन सत्यापन किये गये 1438 बच्चों में से कुल 735 बच्चों का विद्यालयों में दाखिला किये जाने हेतु चिह्निकरण किया गया।
अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ इंटीग्रेटिड ड्राइव चलाकर प्रभावी इन्फोर्समेंट के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करना और उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही किया जाना है।
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अभियान की थीम “भिक्षा नहीं, शिक्षा दें’’ और “एजुकेट ए चाइल्ड” है। इसके लिये जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल में चार टीम (उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया है। जिसमें से मानव तस्करी विरोधी एक टीम बनायी गयी है। बाकी जिलों में मानव तस्करी विरोधी इकाई द्वारा उक्त अभियान को चलाया जा रहा है। रेलवेज में भी एक टीम (उपनिरीक्षक-1, आरक्षी-4) का गठन किया गया।
अभियान को तीन चरणों में चलाया जा रहा है। जिसमें से प्रथम चरण एक से 15 मार्च, दूसरा चरण 16 मार्च से 31 मार्च, तीसरा चरण एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा।