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गैलंट्री अवॉर्ड से सम्मानित इंस्पेक्टर हुआ फरार, जानें पूरा मामला

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार  बनने के बाद भ्रष्टाचार  के मामले में जीरो टॉलरेंस नीति पर काम किया जा रहा है। फिर चाहे पुलिस महकमा हो या फिर किसी भी विभाग के अधिकारी, यूपी में अगर भ्रष्टाचार किया तो जेल जाना तय है। ताजा मामला मेरठ का है। यहां खुद की ईमानदारी का पोस्टर छपवाने वाले एक इंस्पेक्टर रिश्वत मामले में आरोपी बन गए। एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी के निर्देशों पर अपने ही थाने में इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। अब आरोपी इंस्पेक्टर फरार है। मामले में एक सिपाही को गिरफ्तार कर लिया गया है।

यह मेरठ का थाना सदर बाजार है, जहां अभी तक इंस्पेक्टर विजेंद्र पाल राणा का राज चलता था। इंस्पेक्टर विजेंद्र पाल राणा को दिल्ली के कुख्यात इनामी बदमाश शक्ति नायडू के एनकाउंटर मामले में 15 अगस्त को गैलंट्री अवॉर्ड और प्रशस्ति पत्र से नवाजा गया। एसएसपी मेरठ प्रभाकर चौधरी के आने के बाद विजेंद्र पाल राणा ने खुद को ईमानदार और कर्मठ साबित करने के लिए भ्रष्टाचार मुक्त थाने के पोस्टर छपवा डालें, जिसका सोशल मीडिया पर तो प्रचार प्रसार किया ही गया बल्कि कुछ पोस्टर थानों के बाहर भी लगा दिए गए।

रिश्वत लेने वाले पुलिसकर्मियों की शिकायत के लिए थानेदार ने खुद अपना ही नंबर जारी कर दिया लेकिन अब कहानी में ट्विस्ट आ गया है। भ्रष्टाचार मुक्त थाने की बात करने वाले इंस्पेक्टर खुद ही रिश्वत कांड में आरोपी बन गए हैं। इंस्पेक्टर पर ट्रक चोरी के एक फर्जी मुकदमे में आरोपी को थाने से छोड़ने के एवज में 3.5 लाख की रिश्वत लेने का आरोप लगा है। इतना ही नहीं अन्य आरोपियों से भी 50 हजार की रकम वसूली गई, जिसके बाद बेगुनाह आरोपियों ने इंस्पेक्टर की इस कारगुजारी की शिकायत की।

इसके बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी की टीम ने सिपाही मनमोहन को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। उसे तत्काल मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया। मनमोहन ने पूछताछ में बताया कि इंस्पेक्टर विजेंद्र पाल राणा की शह पर उसने रिश्वत ली। जिसके बाद एसएसपी के निर्देश पर इंस्पेक्टर विजेंद्र पाल राणा सिपाही मनमोहन व तीन अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होते ही इंस्पेक्टर विजेंद्र पाल राणा फरार हो गए। इसके अलावा सिपाही मनमोहन को गिरफ्तार करके उसी थाने के हवालात में रखा गया, जिसमें वह कल तक शान से नौकरी कर रहा था।

आरोपी इंस्पेक्टर की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने टीमें भी लगा दी हैं. साथ ही इन लोगों के भ्रष्टाचार के अन्य मामलों को भी खंगाला जा रहा है। पुलिस महकमे के इंस्पेक्टर पर हुई इस कार्रवाई का असर पूरे उत्तर प्रदेश के पुलिस सिस्टम पर पड़ा है। इससे पहले भी एसएससी प्रभाकर चौधरी ने भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में कड़ी कार्रवाई की है। जिसमें मेरठ में अलग-अलग थानों में तैनात 75 कार खास सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था, वहीं गंगानगर के दरोगा और किठौर के दो सिपाहियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंशन की भी कार्रवाई की गई है।

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