योगी सरकार ने पीएम स्वनिधि योजना में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। स्थानीय निकाय निदेशालय ने इसके आधार पर दोषियों को चिह्नित करते हुए कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में 30 अधिशासी अधिकारी (ईओ) से लापरवाही पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। निकायवार पीएम स्वनिधि योजना की समीक्षा की जा रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
मुबारकपुर आजमगढ़, देवबंद सहारनपुर, कैराना शामली, मवाना मेरठ, कीरतपुर बिजनौर, हमीरपुर, स्याना बुलंदशहर, झींझक कानपुर देहात, पलियाकला लखीमपुर और बांसी सिद्धार्थनगर के अधिशासी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। नवाबगंज बरेली, नूरपुर बिजनौर, जलेसर एटा, चुनार मिर्जापुर, सोनभद्र, गोपीगंज भदोही, फतेहपुर सीकरी आगरा, रसड़ा बलिया, जसवंतनगर इटावा, बछरायूं अमरोहा के ईओ स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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बिलग्राम हरदोई, अफजलगढ़ बिजनौर, सोरो कासगंज, जायस अमेठी, बिलसी बदायूं, सांडी हरदोई के ईओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है। बादशाहपुर, जौनपुर, सरसावां सहारनपुर, नवाबगंज गोंडा, बाह आगरा के अधिशासी अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। स्थानीय निकाय निदेशक शकुंतला गौतम ने स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा है कि पीएम स्वनिधि योजना केंद्र सरकार और राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।
इसके अंतर्गत अधिक से अधिक शहरी पथ विक्रेताओं को स्वावलंबी बनाने के दृष्टिगत लोन मेले का आयोजन किया गया था। स्वनिधि लोन मेला प्रगति की जानकारी प्रतिदिन देने को कहा गया था। इसके बाद भी संबंधित निकायों द्वारा तय समय पर सूचना नहीं दी गई। उन्होंने कहा है कि यदि समय से स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया गया तो इसे अनुशासनहीनता मानते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।