नई दिल्ली| बीमा नियामक इरडा ने हाल के दिनों में उपभोक्ताओं के लिए बीमा पॉलिसी को लेकर कई बदलाव किए हैं। अब इरडा ने रंगों के आधार पर स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जारी करने के लिए मसौदा प्रस्ताव पेश किया है। इसके तहत तीन रंगों में स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी जारी की जाएंगी। इससे फायदा यह होगा कि आप पॉलिसी का रंग देखकर ही पहचान जाएंगे किए इस पॉलिसी में क्या-क्या कवर हो रहा है और क्या कवर से बाहर है।
ग्राहकों की सुविधा और झांसा देकर पॉलिसी बेचने पर रोक लिए सभी व्यक्तिगत स्वास्थ्य पॉलिसी का सात मानकों के हिसाब से अंक (स्कोर) तय किया जाएगा। इसके बाद स्कोर के मुताबिक पॉलिसी का रंग (कलर कोड) तय किया जाएगा।
बीमा विशेषज्ञों का कहना है कि इरडा की इस पहल के बाद उपभोक्ता आसानी से पॉलिसी को समझ पाएंगे और इससे उन्हें स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का चुनाव करने में आसानी होगी। उनका कहना है कि उपभोक्ता हमेशा आसानी से समझने वाला उत्पाद चाहते हैं और रंग से एक प्रतीकात्मक सोच के जरिए उपभोक्ताओं में सही समझ बनती है।
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इरडा के मसौदा प्रस्ताव के मुताबिक सबसे आसान स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी का रंग हरा होगा और उसका अंक शून्य से दो तक होगा। इसके बाद नारंगी रंग की पॉलिसी होगी। नारंगी रंग के पॉलिसी की पहचान आम लोगों के लिए थोड़ी जटिल होगी और इस श्रेणी के लिए दो से अंक निर्धारित होंगे। इसके बाद सबसे ज्यादा मिश्रत वाली श्रेणी लाल रंग वाली पॉलिसी की होगी। इसके लिए चार से छह अंक तक निर्धारित होंगे।
इरडा के प्रस्ताव के मुताबिक सात मानकों पर स्वास्थ्य बीमा का स्कोर तय किया जाएगा और सभी सात मानकों की बराबर मान्यता होगी। इन मानकों में वैकल्पिक कवर की संख्या, वेटिंग पीरियड, सब-लिमिट के तहत कुल इलाज की संख्या, कवर नहीं होने वाली बीमारियों की संख्या और पॉलिसी की शर्तों में सरलता शामिल हैं। इसके अलावा सभी बीमा उत्पाद के लिए शून्य से छह अंक तक निर्धारित होगा।
पॉलिसी लेते वक्त उपभोक्ताओं को कलर कोड पता रहेगा। कंपनियों को विज्ञापन के समय कलर कोड बताना होगा और वेबसाइट पर भी पॉलिसी की पूरी जानकारी के साथ स्कोर और कलर कोड बताना जरूरी होगा। कलर कोडिंग के ड्राफ्ट पर 15 अक्टूबर तक बीमा कंपनियां अपने नए सुझाव पेश कर सकती है।