उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) अन्तर्राज्यीय बैंकिंग फ्राड गैंग के एक सदस्य राशिद इम्तियाज खान को महाराष्ट्र से गिरफ्तार आज यहां लेकर विभूतिखंड थाने में दाखिल करा दिया।
एसटीएफ प्रवक्ता ने गुरुवार शाम यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूपीडा के खातों के चेको का क्लोन चेक बनाकर 9,93,000 रुपये , 9,98,400 रुपये , 9,86,700 रुपये और 9,68,500 रुपये की धनराशि अनाधिकृत रूप से कई खातों में ट्रान्सफर किया गया था। इस सम्बन्ध में बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबन्धक संजय कुमार ने विभूतिखण्ड, गोमतीनगर थाने में पिछले साल धारा 406, 419, 420, 467,468, 471 भादवि बनाम अरविन्द तिवारी व अन्य के विरूद्ध पंजीकृत कराया गया था ।
उन्होंने बताया कि इस मामले के खुलासे के लिए एसटीएफ को भी सहयोग के लिए लगाया गया था। इसी क्रम एसटीएफ को सूचना मिली थी कि चेकों की क्लोनिंग कर बैंक खातो से पैसा निकालने वाले गिरोह का एक सदस्य नालासोपारा थाणे महाराष्ट्र में मौजूद है। उसकी गिरफ्तारी के लिए मामले के विवेचक को लेकर एसटीएफ की एक टीम को महराष्ट्र भेजा गया था और दो अगस्त को आरोपी राशिद उर्फ दादा उर्फ गुरूजी निवासी बी विंग 701 आरनेट इन्क्लेव ओस्ठवाल नगरी नालासोपारा थाणे महाराष्ट्र गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने बताया उसके पास से मोबाईल फोन, आधार कार्ड, अंगूठी 20 रुपये नगद बरामद किए।
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प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने बताया गिरफ्तार कर निकटतम थाना मीरारोड पर पूछताछ के लिए लाया गया, जिसे बाद में न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर विवेचक द्वारा पांच दिन की ट्रान्जिट रिमाण्ड पर लेकर थाना विभूतिखण्ड
लखनऊ लाया गया। गिरफ्तार आरोपी राशिद इम्तियाज खान ने बताया कि मैं महारष्ट्र में 10 वर्ष से जय माता दी बिल्डिंग में खान इण्टरप्राइजेज के नाम से दुकान खोलकर मनी ट्रान्सफर व ट्रेवेल्स का काम करता है। करीब चार साल पहले पूर्व ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ अजय निवासी महाबीर अग्रवाल काम्पलेक्स नई बसई मानिकपुर जिला पालघर महाराष्ट्र , अख्तर उर्फ राजन निवासी मोगरा हुगली पश्चिम बंगाल कोलकाता हालपता देव दर्शन बिल्डिंग इन्दिरानगर नाका वीर सावरकर नगर थाणे व भदोही निवासी मनीष मौर्या से उसी मुलाकात हुई थी। ओम प्रकाश श्रीवास्तव उर्फ अजय इन सबका मुखिया था।
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गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि इन लोगों ने बताया कि एक ब्लैकमनी ट्रान्सफर करना है। अजय कैन्सिल चेक की जानकारी कर क्लोन चेक तैयार करवाते थे, जिसे गिरोह के लोग पूर्व से निर्धारित खातों में कैश कराने के लिये लगाते थे, जैसे ही खाते में पैसा क्लीयरिंग के बाद आता था, तुरन्त अजय खाते से पैसा निकलवाकर सबका हिस्सा बांट देता था।
अजय मूल रूप से जौनपुर का रहने वाला है तथा मैं वाराणसी का रहने वाला हूं। गाजीपुर में मेरी ससुराल है। अजय ने यूपीडा के बैंक आफ बड़ौदा विभूतिखण्ड गोमतीनगर के कैन्सिल चेक 9,93,000, दूसरा 9,98,400 अरविंद तिवारी के नाम का, 9,68,500 ,शादाब अनवर शेख के नाम का एवं 9,86,700 अशराफ आलम खान के नाम का क्लोन चेक तैयार कराया।
प्रवक्ता ने बताया कि डा0 शकुन्तला मिश्रा, राष्ट्रीय पुर्नवास विश्वविद्यालय, लखनऊ व राज्य आयुष सोसायटी के कैन्सिल चेक का क्लोन तैयार किये थे। जौनपुर के खाताधारकों के चेक अजय व मनीष ने तथा वाराणसी व गोरखपुर के खाताधारकों के चेक मैने व अख्तर ने जमा किया था, लेकिन यूपीडा के बैंक आफ बड़ौदा के उपरोक्त 04 चेक कैश ही हुआ था तथा डा0 शकुन्तला मिश्रा पुर्नवास विश्वविद्यालय व राज्य आयुष सोसायटी के चेक कैश नहीं हुआ था। यूपीडा के चेक क्लीयर होने पर खाताधारक को भेजकर व एटीएम कार्ड से नगद रूपया निकलवाकर हम लोगों ने आपस में बांट लिया था। अरविंद तिवारी, मनीष मौर्या, शादाब अनवर शेख जेल जा चुके है, इसी कारण अजय, अख्तर और यह आरोपी छिपाकर रह रहे थे तथा पकड़े जाने के डर से आपस में मोबाइल फोन पर कोई सम्पर्क नहीं रखते थे तथा पूर्व का मोबाइल फोन का डाटा डिलीट कर दिया है।
उन्होंन बताया कि गिरोह के लोग क्लोन चेक का पैसा अपने खातों में नहीं लेते थे। हम लोगों के द्वारा अन्य व्यक्तियों को लालच देकर उनके खाते में पैसा ट्रान्सफर करवाकर कैश निकाल लेते थे, जिसके कारण पकड़े नहीं जाते थे। वर्ष 2017-18 में हम लोग औरंगाबाद व सहारनपुर से जेल गये थे व जमानत पर छूट कर आने के बाद फिर से इसी धंधे में लग गये। गिरफ्तार आरोपी को जेल भेज दिया गया है।