आगरा में अछनेरा के गांव रैपुरा अहीर और ट्रांसयमुना कालोनी फेस टू में भ्रूण लिंग परीक्षण किया जाता था। गर्भ में लड़का है या लड़की यह बताने के लिए पांच से दस हजार रुपये वसूले जाते थे। शनिवार की शाम एसीएम तृतीय के नेतृत्व में एसटीएफ आगरा यूनिट और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा। पूरे खेल की सुरागरसी एसटीएफ ने की थी। एक नर्स सहित आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नर्स ट्रांसयमुना कालोनी फेस टू निवासी प्रिया हॉस्पिटल के संचालक के घर रह रही थी। वहां काम भी करती थी।
एसटीएफ आगरा यूनिट का दावा है कि पकड़ा गया गिरोह अंतरराज्जीय है। दूसरे प्रदेश से गर्भवती महिलाओं को दलाल घेरकर लिंग परीक्षण के लिए यहां लेकर आया करते थे। अछनेरा के गांव रैपुरा अहीर में धीरज भ्रूण लिंग परीक्षण करता था। ट्रांसयमुना फेस टू में सरिता नाम की नर्स यह काम कर रही थी। एसटीएफ को एक महीने पहले यह जानकारी मिली थी। साक्ष्य संकलन और आरोपियों को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया गया था। गिरोह के तार मध्य प्रदेश से भी जुड़े हुए थे। टीम तीन दिन से रेकी करने में लगी हुई थी। शनिवार को गिरोह के अछनेरा में एक गर्भवती महिला का परीक्षण करने पहुंचने की जानकारी मिली थी। इस पर जिलाधिकारी से अनुमति ली गई। उनके आदेश पर टीम का गठन किया गया। टीम ने अछनेरा में गिरोह को पकड़ लिया।
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गर्भवती महिला भी साथ थी, जिसका भ्रूण लिंग परीक्षण किया जाना था। मौके से सात आरोपी पकड़े गए। इनमें मुरैना निवासी धीरज कुमार, अछनेरा के नगला मुरली निवासी मोहन सिंह, रैपुरा जाट निवासी योगेंद्र कुमार, गांव गोपऊ निवासी भरत सिंह (गर्भवती महिला का पति), ग्वालियर के सिरौल निवासी रंजीत यादव, धौलपुर के बसई नवाब निवासी भरत लोधी सहित सात आरोपियों को पकड़ा गया। इनसे पूछताछ के बाद प्रिया हॉस्पीटल के संचालक डॉक्टर राजीव के आवास पर छापा मारा गया। यहां से सरिता नाम की नर्स सहित दो लोगों को पकड़ा गया।
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सरिता के साथ भरत सिंह नाम के युवक को पकड़ा गया। सभी आरोपियों को पूछताछ के लिए एत्मादुद्दौला थाने लाया गया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के पास से चार अल्ट्रासाउंड पोर्टेबल मशीन, दो कार, दो बाइक, 90 हजार रुपये आदि सामान बरामद हुआ है। पुलिस ने बताया कि प्रिया हॉस्पीटल के संचालक पर वर्ष 2016 में भ्रूण लिंग परीक्षण का आरोप लगा था। उस समय का पुलिस रिकार्ड चेक किया जा रहा है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है।
एसटीएफ के इंस्पेक्टर हुकुम सिंह ने बताया कि सरिता और धीरज भ्रूण लिंग परीक्षण करते हैं। सरिता ने ही धीरज को अल्ट्रासाउंड मशीन दिलाई थी। उसने बताया कि झांसी से मशीन खरीदी थी। वे लंबे समय से यह काम कर रहे हैं। अन्य आरोपित उनके एजेंट हैं। जो गर्भवती महिलाओं को भ्रूण लिंग परीक्षण के लिए जाल में फंसाकर उनके पास लेकर आते हैं।