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लखनऊ प्राणि उद्यान में मनाया गया अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस

उत्तर प्रदेश में लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह प्राणि (चिड़ियाघर) उद्यान में अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया गया।

प्राणि उद्यान के निदेशक आर के सिंह ने बताया कि इस मौके पर प्राणि उद्यान द्वारा ऑलाइन निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसका शीषक था,’’बाघ का महत्व एवं आवश्यकता’’। इस निबन्ध प्रतियोगिता में 25 प्रतियोगियों के निबन्ध प्राणि उद्यान का प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता का परिणाम कल घोषित कर विजयी प्रतियोगियों को सूचित किया जायेगा।

श्री सिंह ने बताया कि “ग्लोबल टाइगर दिवस” मनाने का तात्पर्य वनों की पारिस्थितिकी में खाद्य श्रृंखला में सबसे ऊपर बैठे वन्य जीव को बचाना है। खाद्य श्रृंखला के शिखर पर बैठे वन्य जीव यदि सुरक्षित हैं और उसकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो रही है, इसका तात्पर्य है कि उस वन्य क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में भोजन, पानी एवं सुरक्षा की व्यवस्था है, जिसका सीधा मतलब है शकाहारी वन्य जीव, जलक्षेत्र, पेड़-पौधे, झाड़-झाडि़याँ आदि प्रचुर मात्रा में वन क्षेत्र में उपलब्ध हैं तथा सुरक्षित है और वन्य जीवों के प्रजनन के अनुकूल माहौल है।

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प्राणि उद्यान निदेशक श्री सिंह ने कहा कि वन क्षेत्रों के सुरक्षित होने का अर्थ है कि सृष्टि के लिए आवश्यक अवयव-हवा, पानी, मिट्टी आदि भी सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 2014 की गणना के अनुसार 114 बाघ थे जो कि वर्ष 2018 की गणना में बाघों की संख्या 173 है। यह प्रतीक है कि वनों की सुरक्षा एवं सम्वर्धन में वृद्धि हुई है।

परिणामस्वरूप शाकाहारी वन्य जीवों की संख्या भी बढ़ी है तथा इसकी परणिति बाघों की संख्या में वृद्धि के रूप में हुई है।

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उन्होंने कहा कि पर्यावरण एवं वनों का सम्वर्धन भी ग्लोबल टाइगर दिवस का उद्देश्य है। इसी सन्दर्भ में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए प्राणि उद्यान द्वारा भी ऑनलाइन निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

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