नई दिल्ली। पिछले कुछ सालों में लोग अपनी सेहत को लेकर काफी जागरुक हुए हैं। कोरोना काल ने खासतौर पर नेचुरल चीजों के इस्तेमाल और योगाभ्यास के प्रति लोगों के रुझान को बढ़ाया है। तमाम स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अगर व्यक्ति नियमित रूप से योगाभ्यास करे, तो तमाम शारीरिक और मानसिक बीमारियों से छुटकारा पा सकता है।
योग की महत्ता को समझाने के लिए हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाया जाता है। हालांकि इन सब के बावजूद तमाम युवाओं को योग करना बोरिंग लगता है। फिटनेस के लिए वे जुंबा, एरोबिक्स या जिम वगैरह को पसंद करते हैं। ऐसे लोगों के बीच योग को इंटरेस्टिंग बनाने के लिए बीयर योग (Beer Yoga) की शुरुआत की गई। बीयर योग का कल्चर विदेशों में काफी पसंद किया जा रहा है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में।
जर्मनी से हुई इस ट्रेंड की शुरुआत
बियर योग (Beer Yoga) की शुरुआत जर्मनी से हुई थी। बर्लिन के दो योगा ट्रेनर एमिली और जूला ने मिलकर 2016 में बीयर योग का नया ट्रेंड शुरू किया था, जो वहां के लोगों को काफी पसंद आया। धीरे धीरे इसकी लोकप्रियता अन्य देशों में भी बढ़ने लगी। बियर योगा के नाम से एक वेबसाइट भी मौजूद है, इस पर कहा गया है कि बियर योग एक फन है, लेकिन मजाक नहीं है। बियर योग के फाउंडर एमिली का मानना है कि बियर योग कई देशों में अपनाया जा रहा है। बियर के शौकीन लोगों के लिए ये फन और फिटनेस का बेहतरीन कॉम्बीनेशन है। आने वाले समय में ये सर्वाधिक लोकप्रिय फिटनेस ट्रेंड में शामिल होगा।
कैसे किया जाता है बियर योग (Beer Yoga)?
जो लोग बीयर पीने के शौकीन हैं, उनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए बियर योग का तैयार किया गया है। ताकि बीयर पीने वाले भी स्वस्थ रह सकें। इस योग की शुरुआत थोड़ी सी बीयर पीकर की जाती है। इसके अलावा योगासन करते हुए घूंट-घूंट बियर पी जाती है। कुछ आसनों में बीयर की बोतल का भी इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें लोग बीयर की बोतलों को अपने सिर पर रखते हैं या बीयर के गिलास को बैलेंस करते हैं। इससे उनका योगासन भी होता है और बैलेंस करने के अभ्यास से उनकी एकाग्रता भी बढ़ती है। ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के लोग बीयर काफी पसंद करते हैं, इस कारण ये उन देशों में काफी पसंद किया जा रहा है।
भारतीय संस्कृति में फिट नहीं बियर योग (Beer Yoga)
बीयर योग बेशक तमाम देशों में पसंद किया जा रहा हो, लेकिन ये भारतीय संस्कृति में फिट नहीं है। दरअसल योग भारत की प्राचीन परम्परा का हिस्सा रहा है। शरीर मन और प्राण की शुद्धि के लिए ऋषि मुनि योग किया करते थे। इस दौरान योग के कई नियम थे, जिनका पालन वे खुद करते थे और लोगों से करवाते थे। आज अगर इस तरह के नए ट्रेंड्स को स्थान दिया गया तो योग वो स्वरूप ही बिगड़ जाएगा। सात्विक जीवन शैली ही भारत के पारंपरिक योग का आधार है। इसी के बूते पर भारत विश्व में योग का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में बीयर योग जैसे नए ट्रेंड्स का मतलब अपनी ही संस्कृति से खिलवाड़ करना है।