नई दिल्ली। नौकरी के दौरान लोग रिटायरमेंट (Retierment) के बाद का भी प्लान बनाते रहते हैं। सभी की कोशिश होती है कि उनका बुढ़ापा सुखद तरीके से बीते। साथ ही अपने परिवार के भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत करने की कोशिश करते हैं, ताकी उन्हें कभी फाइनेंशियली किसी भी तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़े। अगर आप भी अपने जीवनसाथी के लिए फ्यूचर प्लानिंग कर रहे हैं, तो नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में निवेश कर सकते हैं।
टैक्स सेविंग में मदद
पहले सिर्फ सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) ही नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में निवेश कर सकते थे, लेकिन सरकार ने इसे अब सभी के लिए खोल दिया है। हालांकि, कुछ बुनियादी शर्तें सरकार ने तय की हैं। देश का कोई भी नागरिक इन शर्तों के साथ नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में निवेश कर लाभ उठा सकता है। ये स्कीम आपको टैक्स (Tax Saving) बचाने में मदद करती है। इस पेंशन स्कीम ने अभी तक निवेश पर 10 फीसदी से अधिक का रिटर्न का दिया है। इसलिए लोग इसमें निवेश करना पसंद कर रहे हैं।
हर महीने 50 हजार रुपये पेंशन
अगर आप अपनी पत्नी के भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित करना चाहते हैं, तो नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) में निवेश कर सकते हैं। इसमें निवेश कर 60 साल की उम्र के बाद हर महीने अपनी पत्नी के लिए 50 हजार रुपये की पेंशन की व्यवस्था कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको जल्दी से निवेश शुरू करना होगा। आप जिसके लिए इस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं और उसकी उम्र 35 साल है, तो आपको कुल 25 साल तक निवेश करना होगा। इसके बाद ही उसे हर महीने 50 रुपये की पेंशन मिलेगी।
45 लाख रुपये करेंगे निवेश
नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme) ट्रस्ट कैलकुलेटर के अनुसार, हर महीने 50 हजार रुपये की पेंशन पाने के लिए आपको प्रति माह 15 हजार रुपये निवेश करने होंगे। इस तरह आप 25 साल में कुल 45 लाख रुपये का निवेश करेंगे। अगर आप एवरेज रिटर्न 10 फीसदी के आसपास मान लें, तो मैच्योर होने के बाद कुल अमाउंट लगभग डेढ़-दो करोड़ रुपये के आसपास हो जाएगा।
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मैच्योरिटी के बाद अगर आप 50 फीसदी एन्युटी लेते हैं और एन्युटी का रेट छह फीसदी मान लेते हैं, तो इस हिसाब से महीने की पेंशन 50,171 रुपये बैठती है। किसी भी पेंशन स्कीम में एन्युटी काफी अहम फैक्टर होता है। एनपीएस के मामले में मिनिमम 40 फीसदी एन्युटी लेने की बाध्यता है। यह मैच्योरिटी के बाद बची कुल रकम का वह हिस्सा होता है, जो आप पेंशन की तरह लेते हैं। बाकी रकम का पेमेंट मैच्योरिटी के बाद एकमुश्त कर दिया जाता है।