मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दम तोड़ रहे एमएसएमई सेक्टर को नया जीवन दिया है। निवेश फ्रेंडली नीतियों के कारण प्रदेश का एमएसएमई सेक्टर देश में पहले पायदान पर पहुंच गया है। प्रदेश में निवेश और रोजगार देने में एमएसएमई रिकार्ड तोड़ दिया है। पिछले साढ़े चार साल में प्रदेश में पांच लाख करोड़ से अधिक का निवेश हुआ है और तीन करोड़ लोगों को रोजगार मिला है।
पिछली सरकारों में एमएसएमई सेक्टर हाशिए पर था। जिस कारण तमाम उद्योग दूसरे राज्यों में पलायन कर गए थे। सीएम योगी ने एमएसएमई सेक्टर को पुनर्जीवित करने के लिए कई अहम कदम उठाए। इसमें सबसे बड़ी पहल के रूप में सरकार के इस आदेश को भी माना जा रहा है, जिसमें पिछले साल मार्च में कहा गया था कि हर विभाग अपने सालाना बजट का 25 फीसदी खरीदारी एमएसएमई से करेगा।
इसका नतीजा यह हुआ है कि मौजूदा वित्त वर्ष में 10 नवंबर तक एमएसई से सरकारी खरीद जेम पोर्टल के माध्यम से 69.6 फीसदी यानि 3855 करोड़ की हुई है और साढ़े चार साल में यह खरीदारी 15 हजार करोड़ से अधिक की है।
योगी सरकार में एमएसएमई सेक्टर को रिकार्ड तोड़ लोन उद्योगों को दिया गया है। साढ़े चार साल में 2,70,611 करोड़ का लोन दिया गया है। इस बारे में एमएसएमई के अपर मुख्य सचिव डॉ. नवनीत सहगल ने बताया कि जितनी धनराशि बैंकों की ओर से दी गई है, उतनी ही और धनराशि का निवेश उद्यमियों ने किया है। इन उद्योगों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से तीन करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं।
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सरकार के समन्वय से प्रदेश में 91,83,833 इकाइयों को विभिन्न योजनाओं के तहत लोन मिला है। इसमें वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 इकाइयों को 41,193 करोड़ का लोन दिया गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10,24,265 उद्यमियों को 47,764 करोड़ और 2019-20 में 17,45,472 उद्यमियों को 62,831 करोड़ के लोन दिए गए हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में 34 लाख 80 हजार 596 उद्यमियों को 63,038 करोड़ के लोन दिए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में 30 नवंबर तक 21 लाख 45 हजार 928 उद्यमियों को कुल 28,583 करोड़ का लोन दिया गया है।