उत्तर प्रदेश के पशुधन विभाग में फर्जी टेंडर से ठगी मामले में एंटी करप्शन कोर्ट ने आईपीएस अरविंद सेन को कोर्ट ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। इसी मामले में एक अन्य आरोपी अमित मिश्रा को भी कोर्ट ने भगोड़ा घोषित किया।
वहीं मामले में गिरफ्तार आरोपी सिपाही दिलबहार यादव के वॉयस सैंपल टेस्ट का कोर्ट ने आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि आरोपी सिपाही दिलबहार यादव स्वेच्छा से अपनी आवाज का नमूना देता है तो उसे नियमानुसार रिकॉर्ड किया जाए।
विशेष जज संदीप गुप्ता ने अरविंद सेन को भगोड़ा घोषित करते हुए कहा कि यदि इसके बाद भी वह हाजिर नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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दरअसल पिछले 16 दिसंबर को मामले की विवेचक और एएसपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव ने दो अलग-अलग अर्जी दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरविंद सेन और अमित मिश्रा की गिरफ्तारी के लिए कई बार दबिश दी गई लेकिन अभियुक्त फरार चल रहे हैं।
बता दें 13 जून 2020 को इस मामले में एक एफआईआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में दर्ज की गई थी। इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू की तहरीर ये एफआईआर दर्ज की गई थी। इसमें मोंटी गुर्जर, आशीष राय, उमेश मिश्रा सहित 13 अभियुक्तों को नामजद किया गया था। जांच के दौरान आईपीएस अरविंद सेन का नाम प्रकाश में आया। अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तावेजा और छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर व दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की ठगी की गई।