जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) में फार्मेसी प्रथम वर्ष के उन चार छात्रों को भी 56 प्रतिशत अंक देकर पास कर दिया गया था, जिन्होंने कॉपियों में जय श्रीराम और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खिलाड़ियों के नाम लिखें थें।
विवि के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी के बाद मामला प्रकाश में आया था। गत सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में परीक्षा समिति की बैठक में मामले में दो शिक्षक डॉ. आशुतोष गुप्ता और डॉ. विनय वर्मा दोषी करार दिए गए। इनके खिलाफ राजभवन पत्र भेजा जाएगा। जल्द ही इन्हें कार्यमुक्त किया जाएगा।
आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) की ओर से संचालित डी फार्मा पाठ्यक्रम के प्रथम व दूसरे सेमेस्टर के छात्रों को परीक्षा में सही जवाब न देने पर भी पास करने का मामला सामने आया था। विवि के पूर्व छात्र दिव्यांशु सिंह ने इस मामले में सूचना के अधिकार के तहत विवि से जानकारी मांगी थी। छात्र ने तीन अगस्त 2023 को डी फार्मा के प्रथम वर्ष के 18 छात्रों के रोल नंबर उपलब्ध कराते हुए कॉपियां निकलवाकर पुनर्मूल्यांकन की मांग की थी।
विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) ने छात्र को 58 कॉपियों की प्रति उपलब्ध कराने के लिए कहा, लेकिन सिर्फ 42 कॉपियां ही उपलब्ध कराईं। बार कोड संख्या 4149113 की कॉपी में छात्र ने लिखा था- जय श्री राम पास हो जाएं। इसके अलावा विराट कोहली, रोहित शर्मा, हार्दिक पांड्या आदि खिलाड़ियों के नाम लिखे थे। इस छात्र को 75 में से 42 अंक देकर पास किया गया था, जो कि 56 फीसदी अंक हैं। ऐसा ही बार कोड 4149154, 4149158, 4149217 की कॉपियों में भी मिला। इन छात्रों को भी पास कर दिया गया था।
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छात्र ने राजभवन भेजे पत्र में आरोप लगाया था कि एक प्रोफेसर ने पैसे लेकर छात्रों को पास किया है। इसका वीडियो भी वायरल है। पूर्व छात्र ने सभी शिकायतों को शपथ पत्र के साथ राजभवन में भेजा था। राजभवन ने संज्ञान लेते हुए 21 दिसंबर 2023 को जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। विश्वविद्यालय ने जांच समिति का गठन कर जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। राजभवन को भेजी गई उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों को 80 में से 50 से अधिक अंक प्रदान किए गए थे। जब इनका पुनर्मूल्यांकन कराया गया तो दोनों बाह्य परीक्षकों ने शून्य अंक प्रदान किए। आठ माह बाद जांच समिति की रिपोर्ट परीक्षा समिति के समक्ष प्रस्तुत की गई। इस पर समिति ने शिकायत सही पाई।
पूर्व छात्र दिव्यांशु ने आरटीआई के माध्यम से विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पर नियमों की अवहेलना का आरोप लगाया। दरअसल विश्वविद्यालय के तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक बीएन सिंह तथा विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान के कुछ प्रोफेसर ने स्पेशल बैक परीक्षा कराई। नियमावली के अनुसार स्पेशल बैक परीक्षा सिर्फ दो विषय में ही कराई जा सकती है, जबकि सभी पेपरों की परीक्षा कराई गई।