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क्‍या 30 की उम्र में ही होने लगा है घुटनों और जोड़ों में दर्द?

joint pain

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अभी तक घुटनों व जोडों के दर्द की समस्या को बढ़ती उम्र का संकेत समझा जाता था। पर क्‍या हो अगर आपकी उम्र के 30 के दशक में ही आप घुटनों के दर्द से कराहने लगें। ये असल में कई स्‍वास्‍थ्‍य संबंधी समस्‍याओं के खिलाफ आपके शरीर की पुकार हो सकती है। आइए हम बताते हैं आपको ऐसे पांच कारण जो कम उम्र में भी आपको घुटनों और जोड़ों में दर्द की समस्‍या दे सकते हैं।

घुटनों व जोड़ों के दर्द के पीछे चोट लगना या कोई चिकित्सीय कारण भी हो सकता है। जैसे- अति संवेदनशीलता, तनाव या जोड़ो पर सीधा आघात ( जैसे. बार-बार घुटने टेकना), फ्रैक्चर्स जिन्हें ठीक तरह से सुधारा न गया हो, एक जोड़ से जुडी हुए टेंडोनिटिस (सूजन और जलन), साथ ही इसके अलावा कोई रोग जिसका उपचार चल रहा हो।

गठिया की समस्या होने पर आपके घुटनों व जोडों में सूजन दिखाई देने लगती है। इस सूजन के कारण आपके घुटने और जोड़ों में दर्द, अकड़न की समस्या होती है, साथ ही फुलाव भी आता है। इस समस्या के ज्यादा बढ़ने पर आपको चलने-फिरने या हिलने-डुलने में भी परेशानी होती है।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अपने खानपान पर अधिक ध्यान नहीं दे पाते। जिसके चलते हमारे शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। शरीर में विटामिन-सी, विटामिन डी और कैल्शियम की कमी होना घुटनों और जोडों में दर्द का मुख्य कारण है। समय रहते इस पर ध्यान न देने पर यह समस्या काफी बढ़ सकती है।

घुटनों में और जोड़ों में दर्द का एक कारण जोड़ों के बीच ग्रीस का खत्म होना भी है। जोडों के बीच का ग्रीस जोडों की कार्य क्षमता को बनाए रखने का काम करती है। लेकिन जब ये ग्रीस जोडों के बीच से खत्म होने लगती है, तो ऐसे में यह यह जोड़ों का दर्द जैसी समस्याओं का कारण बनती है।

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