महराजगंज। फरेंदा विधानसभा में लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। अब तक चुनाव प्रचार में भाजपा (BJP) के बजरंग बहादुर सिंह व कांग्रेस (Congress) के वीरेंद्र चौधरी ही क्षेत्र में प्रचार करते दिख रहे थे परंतु भाजपा (BJP) से पाला बदलकर बसपा (BSP) में शामिल हो कर ईशु चौरसिया (Ishu Chaurasia) ने लड़ाई को दिलचस्प बना दिया है।
वही सपा (SP) द्वारा अपने पत्ते न खोलने से समाजवादी कार्यकर्ता असमंजस में है। कुल मिलाकर जैसे-जैसे समय बीतता जा रहा है, फरेंदा की लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है ।
तीन बार विधायक रहे भारतीय जनता पार्टी के बजरंग बहादुर सिंह को मिलेगी अच्छी चुनौती
फरेंदा क्षेत्र से तीन बार से विधायक पद पर कब्जा जमाए बैठे बजरंग बहादुर सिंह को इस बार विपक्षी दलों द्वारा जबरदस्त चुनौती मिलने की संभावना है। लोगों का मत है कि बीते जिला पंचायत चुनाव में जिला पंचायत के सर्वाधिक सदस्य समाजवादी पार्टी के विजयी हुए थे जिसमें जनता का रोल अहम था। इस बार भी भारतीय जनता पार्टी को एंटी इनकंबेंसी की मार झेलते हुए चुनाव में अपना वर्चस्व बनाए रखना है जो बेहद कठिन प्रतीत होता है। वैसे आने वाली 10 तारीख ही बताएगी की जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा।
लगातार 5 बार चुनाव हार चुके वीरेंद्र चौधरी सहानुभूति के बल पर जुटे हैं चुनाव में
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रत्याशी वीरेंद्र चौधरी लगातार पांच बार चुनाव हार चुके हैं। वीरेंद्र चौधरी को पिछली बार बजरंग बहादुर सिंह ने बहुत कम अंतर से चुनाव हराया था। जिससे वीरेंद्र चौधरी के समर्थक उत्साहित हैं, कि जब सभी पार्टियां चुनाव लड़ेंगी तब जनता वीरेंद्र चौधरी के समर्थन में जी जान से जुट कर उन्हें इस बार अपना विधायक बना देगी परंतु पिछली बार सपा कांग्रेस गठजोड़ से लड़ने वाले वीरेंद्र चौधरी के लिए भी यह लड़ाई आसान नहीं दिख रही है क्योंकि अन्य बिरादरी के मतों में उनकी बेड कैसे बनती है यह उन्हें ही तय करना है जो टेढ़ी खीर लग रही है।
खेल बिगाड़ने उतरेंगी ईशु चौरसिया
फरेंदा क्षेत्र में भाजपा से बसपा में गई ईशु चौरसिया जो अब बसपा प्रत्याशी है वह भाजपा का खेल बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। पिछले वर्षों में भारतीय जनता पार्टी से टिकट की दावेदारी करने वाली ईशु चौरसिया इस बार बसपा के टिकट पर मैदान में है उन्हें पिछड़ों व अन्य मतों के भरोसे बसपा ने चुनाव मैदान में उतारा है यदि बसपा प्रत्याशी की मनसा सफल होती है तो भाजपा प्रत्याशी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है ईशु चौरसिया।
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समाजवादी पार्टी द्वारा प्रत्याशी घोषित किया जाना बना असमंजस का कारण
समाजवादी पार्टी ने फरेंदा क्षेत्र में अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले जिससे टिकट के दावेदारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अभी तक क्षेत्र में खुलकर कोई भी प्रत्याशी अपने लिए प्रचार नहीं कर रहा है। लोग टिकट की दावेदारी के लिए लखनऊ जमे हुए हैं। जिससे कार्यकर्ताओं में असमंजस बना हुआ है। इसका फायदा उन्हें मिल रहा है, जिन प्रत्याशियों का टिकट कंफर्म हो चुका है। वह लगातार जनता के बीच अपनी पैठ बनाने में जुटे हुए हैं। जिससे समाजवादी पार्टी को हानि उठानी पड़ सकती है।
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अब आने वाला समय बताएगा की फरेंदा में जीत का सेहरा किसके सर बनने वाला है। जनता तैयार है युद्ध का बिगुल बज चुका है। अपनी अपनी सेनाओं के साथ कुछ लोग युद्ध में हिस्सा ले रहे हैं। कुछ लोग अभी सेना बनाने में लगे हुए हैं जनता तय करेगी की फरेंदा क्षेत्र की अगुवाई कौन करेगा।