नई दिल्ली। भारत में सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ खुफिया एजेंसियों के सामने अपराध की एक नई प्रवृत्ति सामने आई है। दरअसल, भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता के कारण पाकिस्तान की आईएसआई और उसके आतंकी संगठन भारत में किसी भी हमले को अंजाम देने में नाकामयाब हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए अब आईएसआई और आतंकी संगठन स्थानीय गैंगस्टरों को हमले का जिम्मा सौंप रहे हैं।
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हाल ही में, चंडीगढ़ की खुफिया इकाई ने सभी खुफिया एजेंसी इकाइयों को आतंकवादियों और बदमाशों के बीच गठजोड़ और स्थानीय कनेक्शन के संबंध में सतर्क किया।
कुछ दिन पहले जारी अलर्ट में, केंद्रीय खुफिया एजेंसी की पंजाब इकाई ने अलर्ट किया था कि आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों ने कुछ नेताओं को निशाना बनाने के लिए पांच बदमाशों को काम सौंपा था।
ये गैंगस्टर दर्जनों हत्याओं, डकैती, नशीले पदार्थों के मामलों और जेलों से रैकेट चलाने में शामिल हैं। स्थानीय पुलिस को ऐसे स्थानीय बदमाशों पर नजर रखने और जेल में रहने पर भी उनके कार्यों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
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इसके अलावा, स्थानीय स्लीपर सेल को नियंत्रित करने के लिए शायद ही कोई शीर्ष स्तर का कमांडर है। स्थानीय गैंगस्टर आसानी से सामग्री एकत्र कर सकते हैं और राज्यों में हमलों को अंजाम दे सकते हैं, इसलिए आतंकवादी संगठन अप्रिय घटनाओं को अंजाम देने के लिए उनकी ओर रुख कर रहे हैं।