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इसरो का नहीं किया जा रहा है कोई प्राइवेटाइजेशन : के. सिवन

इसरो ISRO

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नई दिल्ली। इसरो का कोई प्राइवेटाइजेशन नहीं किया जा रहा है। यह बात इसरो चीफ के.सिवन ने कही है। उन्होंने  बताया कि इसरो को लेकर भी कई तरह के भ्रम फैले हुए हैं। इसको लेकर मैं साफ कर देना चाहता हूं कि इसरो का प्राइवेटाइजेशन नहीं हुआ है। बता दें कि पूरी व्यवस्था में प्राइवेट लोगों को स्पेस एक्टिविटी में शामिल किया जा रहा है। ये काम इसरो ही कर रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा स्पेस सेक्टर में किए गए सुधार भविष्य में गेमचेंजर साबित होने जा रहे हैं। ये बातें सिवन ने अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की क्षमता को अनलॉक करना नाम के एक वेबिनार में भाग लेते हुए कही है।

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बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि कोरोना महामारी के कारण ‘गगनयान’ के पहले चरण के तहत भारत के मानवरहित अंतरिक्ष अभियान को भेजने में देरी हो सकती है, जिसके दिसंबर 2020 में प्रक्षेपण की योजना है। यह जानकारी सूत्रों ने  दी थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने दिसंबर 2021 में ‘गगनयान’ के तहत मानव को पहली बार अंतरिक्ष में भेजने की योजना से पहले दो मानवरहित मिशनों को अंतरिक्ष में भेजने की योजना बनाई है।

पहले मानवरहित मिशन में संभावित देरी के बारे में हाल ही में अंतरिक्ष आयोग को बता दिया गया है। जो अंतरिक्ष से जुड़े मुद्दों पर नीति बनाने वाली शीर्ष इकाई है। इसरो के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव के. सिवन अंतरिक्ष आयोग के प्रमुख हैं।

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