नई दिल्ली । अंतरिक्ष कार्यक्रम की भविष्य की प्रौद्योगिकी में उन्नत अनुसंधान को नई दिशा देने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आईआईटी (बीएचयू) के साथ एक समझौता ज्ञापन किया है, जिसके तहत संस्थान में एक क्षेत्रीय स्पेस अकेडमिक सेंटर खोला जायेगा।
इसरो और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) के बीच मंगलवार को आनलाइन कार्यक्रम में समझौता हुआ। संस्थान की तरफ से निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन और इसरो की तरफ से सीबीपीओ के निदेशक डॉ. पी.वी. वेंकटकृष्णन ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
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श्री जैन ने बताया कि इसरो का यह क्षेत्रीय अकेडमिक सेंटर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए एक प्रमुख सुविधा केंद्र के रूप में कार्य करेगा। संस्थान इसरो के लिए क्षमता निर्माण, जागरूकता सृजन और शोध एवं अनुसंधान गतिविधियों के लिए एक प्रमुख एंबेसडर के तौर पर कार्य करेगा। इसरो और आईआईटी (बीएचयू) में उपलब्ध अनुसंधान क्षमता, बुनियादी ढाँचे और विशेषज्ञों के अनुभवों को क्षेत्रीय अकेडमिक केंद्र की गतिविधियों में अधिक से अधिक शामिल किया जाएगा।
इस केंद्र के खुलने से अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के शोध में तो मदद मिलेगी ही, स्पेस एप्लीकेशन के अंतर्गत होने वाले शोधों से कृषि, दूरसंचार, मौसम विज्ञान, जल संसाधन आदि क्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। इससे देश के पूर्वांचल और मध्य क्षेत्र को काफी लाभ होगा।