रामपुर (मुजाहिद खाँ)। सपा सांसद मोहम्मद आज़म खां की पत्नी शहर विधायक डॉ तज़ीन फातिमा से आज़म खां और उनके बेटे अब्दुल्लाह आज़म की सेहत से लेकर समाजवादी पार्टी की मदद के अलावा 2022 के चुनाव सहित कई मुद्दों पर तफसील से बात हुई।
आज़म ख़ाँ की सेहत और मुलाक़ात को लेकर डॉ तज़ीन फातिमा ने कहा कि मेरी मुलाकात 10 महीने जेल में रहने के बाद से नहीं हुई उनकी सेहत को लेकर कहा कि उनकी तबियत के बारे में मेदांता अस्पताल लखनऊ से जो मेडिकल बुलेटिन जारी होता है उससे पता चल पाता है और वहां इलाज कर रहे डॉक्टरों से मालूम होती है। जैसा कि मालूम चला है उनकी स्थिति बहुत ख़राब है। इतनी बड़ी बीमारी और लगभग डेढ़ साल से जेल में रहने के बाद वह बहुत कमज़ोर हो गये हैं। कहा कि कोरोना की रिपोर्ट तो निगेटिव आयी है लेकिन जो कोरोना के बाद के इफेक्ट्स हैं जैसे मुँह में अल्सर हो गया है जिसकी वजह से वो खाना नहीं खा पा रहे हैं, लंग्स में भी कैविटी हो गयी है इंफेक्शन है किडनी में भी इंफेक्शन है और वो कमज़ोर भी हो गये हैं जिसकी वजह से ज़्यादा दूर तक चल भी नहीं पाते। अब्दुल्लाह आज़म की हालत बेहतर है। अस्पताल से सही ट्रीटमेंट मिलने पर कहा कि सही ट्रीटमेंट हो रहा है लेकिन कमज़ोर इतने हो गए हैं कि रिकवरी स्लो हो रही है।
वहीं इस तरह की कार्यवाहियों और देश प्रदेश में मुस्लिमों के हालत पर कहा कि मुस्लिम की स्थिति आप आज़म साहब को देखकर ही लगा सकते हैं। आज़म खां की परेशानियों में सपा के समर्थन पर कहा कि आज़म खां समाजवादी पार्टी के संस्थापक नेताओं में से हैं फाउंडर हैं और आज़म खां ने जनहित में कितने कार्य किये हैं। लेकिन 5 साल से पहले न आज़म खां भूमाफिया थे, न ही भैंस चोर, बकरी चोर, किताब चोर और न ही मुक़दमे थे लेकिन इन पिछले 3 से 4 सालों में आज़म खां पर यह सारे इल्ज़ामात लग गए। आज़म खां पर जितने इल्ज़ाम लगाए गए वो सारे बेबुनियाद हैं।
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आज़म खां ने रामपुर में शिक्षा का प्रसार किया, पानी की इतनी टँकीया हो गयी कि आने वाले सौ साल तक पानी कम नहीं पड़ेगा और जिला अस्पताल में सपा सरकार में ऑक्सीजन का प्लांट लगवाया गया था। ऑक्सीजन की किल्लत के वक़्त जिला अस्पताल में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं हुई और यहाँ तक कि बाहर के मरीज़ भी यहां आकर भर्ती हुए और उन्हें पूरा ट्रीटमेंट मिला इसके अलावा भी सपा सरकार के समय इलाहाबाद में महाकुंभ कराया और बहुत अच्छा इंतेज़ाम किया था जिसकी दूर दूर तक तारीफ हुई। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा 2022 का चूनाव छोटे दलों के साथ मिलकर लड़ने के बयान पर कहा कि मैं अपने नेता ने जो कहा है उस पर टिप्पणी तो नहीं कर सकती जो कहा है सही है छोटे छोटे सेक्युलर दलों को आगे आना चाहिए और प्रदेश में समाजवादी पार्टी की ही सरकार बनेगी।
कोरोना वैक्सिनेशन पर डॉ तज़ीन फातिमा ने कहा कि वैक्सिनेशन की अपील स्यंव लोगो से करती हूँ सभी को लगवाना चाहिए और मैं भी दस पंद्रह दिन के बाद लगवाऊंगी क्योंकि अभी टायफाइड हुआ था जिसकी वजह से बुख़ार की वजह से गैप रखना पड़ता है। जिला पंचायत चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के नीचे आने पर कहा कि यह भाजपा सरकार की नाकामियों के नतीजे हैं रामपुर में ही देख लीजिए कहीं कोई काम हुआ हो तो जितने भी विकास के काम हुए हैं वो सब सपा सरकार के शासन काल मे ही आज़म खां ने ही करवाये थे। जब से भाजपा सरकार आई है कोई एक भी काम बता दीजिए जो इन्होंने किया हो। आने वाले 2022 चुनाव की स्थिति पर कहा कि एक तो कोविड-19 को कंट्रोल करने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम रही है और सबसे बड़ी किसानों की समस्या को सुलझाने में नाकाम रही है विकास का कोई कार्य भाजपा सरकार ने नहीं किया है। इन्हीं कारणों से भाजपा के ग्राफ नीचे आया है। किसानों का जितना उत्पीड़न हुआ है किसानो की जाने गयी हैं, कोरोना फैल रहा है किसान कितनी परेशानियां उठा रहे हैं भीषण ठंड में भी किसान वहाँ पड़े रहे हैं। जबकि किसान कितनी मेहनत करता है सभी को रोटी देता है उतना उनका उत्पीड़न हुआ है।
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वहीं लव जिहाद और गौकशी को मुद्दा बनाने पर कहा यह लव जिहाद और गौकशी, गायों पर अत्याचार यह सब बेकार के मुद्दे हैं। और जहां तक गायों का प्रश्न है गायों की हत्या का सबसे पहले विरोध मौलाना मोहम्मद अली जौहर ने किया था कहा था कि गौ हत्या नहीं होना चाहिए तो यह सब नया नहीं है झगड़े का विषय बनाया जाए और हम भी इसका विरोध करते हैं कि गौ हत्या हो क्योंकि किसी की आस्था जुड़ी हो आस्था का सवाल है गौ हत्या नहीं होनी चाहिए। आज़म खां की ज़मानत न होने पर कहा कि मैं इसे ज़ुल्म समझती हूं वो जो भी कर रहा है वो ज़ुल्म है कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री माननीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि कोई भी हो राजा को अपना राज धर्म निभाना चाहिए लेकिन यहाँ तो उलट है।
डॉ तज़ीन फातिमा ने कहा कि मेरा यह कहना है कि जनप्रतिनिधियों के साथ इतना ज़्यादा उत्पीड़न नहीं होना चाहिए। आज़म खां ने किसी भी सियासी से ज़ाती दुश्मनी नहीं रखी राजनीतिक मुखालफत होना अलग बात है। आजम खां वो व्यक्ति हैं शिक्षा देने के लिए यूनिवर्सिटी बनवाई तमाम जनहित के कार्य किये सड़कें जहाँ-जहाँ भी थी वहां बनवाई जब वो नगर विकास मंत्री थे तो इतने जनहित के कार्यों के बाद इतना उत्पीड़न नहीं होना चाहिए और लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद हैं। एक बेगुनाह इंसान को इस तरह से प्रताड़ित नहीं करना चाहिए। इन हालातों और आज़म खां की सेहत को लेकर कहा चिंता तो है ही जब इतने ज़्यादा बीमार हैं तो मेरे मन में चिंता होना ज़ाहिर बात है।
कहा डर इस बात का है कि एक लोकतांत्रिक देश में इंसाफ नहीं मिल पा रहा है जो मिलना चाहिए वो नहीं मिल रहा है जब जेल में रखा गया तो एमपी, एमएलए प्रोटोकॉल की कोई सहूलत नहीं मिली जैसे सब लोग सोते थे जो रोटियां सब कैदी खाते थे वो ही हम करते थे कोई भी फैसिलिटी नहीं दी गयी जो प्रोटोकॉल का तहत देनी चाहिए थी। खुद कभी ऐसा सोचा था कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र से रिटायर हुए हज़ारों बच्चों को शिक्षा दी और अब यह सब, इस पर डॉक्टर तज़ीन फातिमा ने कहा कि हमें यह नहीं पता हमें किस चीज़ की सज़ा मिली सिर्फ इस बात की मिली मैं जौहर यूनिवर्सिटी की ट्रस्ट में मेम्बर थी। साथ ही ज्यूडिशरी से इंसाफ मिलने पर कहा कि मेरा इरादा न कुछ कहने का है न ही कहना चाहिए भरोसा है।