नई दिल्ली| गूगल ने मंगलवार को कहा कि प्ले स्टोर के माध्यम से डिजिटल सामग्री बेचने वाले ऐप को गूगल प्ले बिलिंग प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा और ऐप से हुई बिक्री का एक प्रतिशत शुल्क के तौर पर देना होगा। गूगल हाल में कुछ घंटों के लिए पेटीएम को ब्लॉक करके विवादों में आ गई थी।
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कंपनी ने कहा कि उसकी बिलिंग प्रणाली के इस्तेमाल की नीति पहले से बनी हुई है, लेकिन इसे स्पष्ट करने की जरूरत थी। गूगल के निदेशक (कारोबार विकास, गेम और एप्लिकेशंस पूर्णिमा कोचिकर ने एक वर्चुअल मीटिंग में कहा कि, हम प्ले बिलिंग नीति को स्पष्ट कर रहे हैं, जो लंबे समय से चली आ रही है और… हाल की घटनाओं से हमने महसूस किया है कि नीतियों को स्पष्ट करना और उन्हें समान रूप से लागू करना बहुत महत्वपूर्ण है… प्रत्येक डेवलपर जो गूगल प्ले के जरिए अपनी डिजिटल सामग्री को बेचता है, उन्हें प्ले बिलिंग का इस्तेमाल करना होगा।
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इसका मतलब है कि डेवलपर को सितंबर 2021 से गूगल बिलिंण प्रणाली का इस्तेमाल करना होगा, जो ऐप के जरिए किए गए भुगतान पर 30 प्रतिशत शुल्क लेता है। हालांकि, यदि डेवलपर कोई भौतिक वस्तु या अपनी वेबसाइट के जरिए भुगतान लेता है, तो उसे प्ले बिलिंग की जरूरत नहीं होगी। कोचिकर ने कहा कि लगभग 97 प्रतिशत डेवलपर्स इस नीति को समझते हैं और इसका पालन करते हैं, हालांकि उन्होंने उन लोगों के नाम नहीं लिए जिन्होंने इसका पालन नहीं किया।