उन्नाव। उपनयन संस्कार के बाद व्यक्ति गुण, धर्म और आध्यात्मिकता को धारण करने के योग्य होता है और मर्यादा पालन के लिए प्रतिबद्ध भी। मर्यादा पालन करने से जीवन सुगम और श्रेष्ठ होता है परोपकार की भावना से जीना ही ब्राह्मण का स्वभाव है। कर्तव्य पथ पर चलते हुए गृहस्थ आश्रम में भी रहकर समाज के नैतिक विकास, लोकहित, लोकमंगल के लिए प्रयास करने वाला ही ब्रह्म को जानने वाला ही ब्राह्मण है। उक्त विचार बाल योगी अरुण चैतन्य महाराज ने एमजी कॉलेज छाछीराईखेड़ा में आयोजित एकादशी के अवसर पर दशम विश्व वैदिक सम्मेलन में बटुकों के उपनयन संस्कार में आए लोगों को आशीर्वचन देते हुए व्यक्त किए।
महामंडलेश्वर बाल योगी अरुण चैतन्य महाराज ने कहा कि नैतिकता का ह्रास और गलत शिक्षा प्रणाली के चलते वैदिक साहित्य से विमुख होने के कारण ही आज समाज में बिखराव पैदा हुआ है । ब्राह्मण समाज का दायित्व है कि समाज को एक सूत्र में बांधे, वहीं उन्होंने ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’ का उद्घोष करते हुए कहा कि जिस राज्य या राष्ट्र में महिलाओं का मुख मलिन होगा, वहां कभी भी लक्ष्मी का निवास नहीं होगा। उन्होंने समाज में मानसिक प्रदूषण फैलाने वालों के विरुद्ध हमला बोलते हुए कहा कि सम्पूर्ण समाज के आनंद की कल्पना ब्राह्मणों द्वारा की गई।
‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ जैसे नारों का उद्घोष ब्राह्मणों ने ही किया है। ब्राह्मण कभी जातिवादी न था, न है और न होगा। उन्होंने आए हुए लोगों से आवाहन किया कि नकारात्मकता से दूर रहकर आध्यात्मिक भौतिक सुख प्राप्त करें मर्यादा और परोपकार की भावना से जो भी कार्य किया जाता है, वह भी यज्ञ की श्रेणी में आता है। पनकी हनुमान मंदिर के महंत कृष्ण दास जी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति की हिंदू संस्कृति है। उसी का नाम वैदिक संस्कृति है जो ज्ञान और कर्म की संस्कृति है। नि:स्वार्थ भाव से किया जाने वाला कर्म यज्ञ की श्रेणी में होता है ।
कार्यक्रम को वृंदावन के स्वामी जनार्दन दास जी व बाबा गाैरीशंकर ने भी आशीर्वचन से अभिसिंचित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने किया।
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कार्यक्रम में प्रमुख रूप से नगर पंचायत अध्यक्ष गोविंद नारायण शुक्ल, आशीष त्रिपाठी, जय शंकर पांडेय, रवि शंकर पांडेय, भाजपा नेता अरुण दीक्षित, दीपक पांडेय, ललित शुक्ला, जागेश्वर अवस्थी ,कमला कांत बाजपेई,डॉ शैलेंद्र शुक्ला, उमादत्त त्रिपाठी, प्रमोद द्विवेदी, डॉ राजीव शुक्ला, गुड्डू तिवारी, अश्वनी बाजपेयी, नरेश तिवारी, लक्ष्मी कांत पांडेय, बैजनाथ सिंह, जुगुल मिश्रा, शुभांशु सिंह, माधव सिंह, भाजपा नेता संजय शुक्ला, मनाेज पांडेय, शानू अवस्थी,प्रदीप पांडेय, गाैरव अवस्थी और रामकुमार शास्त्री आदि रहे। कार्यक्रम के अंत में समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक पांडेय ने आए हुए अतिथियों व क्षेत्रीय लाेगाें का आभार व्यक्त कर नवबटुकाें के उज्जवल भविष्य की कामना की।
इन विभूतियों का हुआ सम्मान
सेवानिवृत्त शिक्षक जागेश्वर अवस्थी, रमेश सिंह, प्रमाेद नारायण व्दिवेदी, रामहेत सिंह, विष्णुदयाल सिंह चाैहान काे शिक्षक रत्न, राजेन्द्र कुमार तिवारी, उमाशंकर तिवारी, शिव किशाेर शुक्ल काे शिक्षा रत्न, राघवेन्द्र सिंह, प्रिंशू सिंह, योगेश बाजपेयी काे युवा रत्न, के एस के व्दिवेदी, सुभाषचंद्र शर्मा काे ब्राह्मण गाैरव, ए के शर्मा काे समाजरत्न, डॉ. एस.आर. शर्मा काे ज्याेतिष रत्न सम्मान से बैसवाड़ा ब्राह्मण उत्थान समिति ने नवाजा।