लखनऊ। योगी कैबिनेट (Yogi Cabinet) की बैठक में नई आईटी नीति (New IT Policy) को भी मंजूरी दी गई है। इसके तहत हर रीजन (पूर्वांचल, पश्चिमांचल, मध्यांचल और बुंदेलखंड) में आईटी सिटी बनाने और हर डिवीजन में एक आईटी पार्क बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।
नई नीति के तहत निजी क्षेत्र के निवेशक आईटी पार्क बनाते हैं तो उन्हें 25 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी प्रदान की जाएगी। साथ ही स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत तक छूट मिलेगी। आईटी सिटी को विकसित करने पर प्रदेश सरकार 25 प्रतिशत या 100 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी देगी। यदि कोई निवेशक आईटी सिटी बनाने का इच्छुक है तो केस टू केस उसे अलग-अलग तरह की सुविधाएं मिलेंगी। अभी तक आईटी सिटी की परिकल्पना लखनऊ और गाजियाबाद या नोएडा तक ही सीमित थी। अब इसे विस्तार दिया गया है।
युवाओं को रोजगार देने पर मिलेगी छूट
उत्तर प्रदेश के युवाओं को रोजगार देने के लिए निजी आईटी कंपनियों को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसके तहत यदि कोई कंपनी यूपी के युवाओं को ज्यादा तवज्जो देती है तो उसके लिए रिक्रूटमेंट असिस्टेंस का प्रावधान किया गया है। ऐसे युवक जो यूपी के डोमिसाइल के हों, यूपी के विद्यालयों से पढ़े हों, ऐसे कम से कम 30 युवाओं को यदि कोई इकाई रोजगार दे रही है तो सरकार प्रतिवर्ष उसे 20 हजार रुपये प्रति छात्र वन टाइम रिक्रूटमेंट असिस्टेंस प्रदान करेगी।
इसके अलावा एमर्जिंग टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में छात्रों या कर्मचारियों को अपनी स्किल बढ़ाने के लिए भी सरकार मदद करेगी। स्किल डेवलपमेंट के लिए चुनिंदा पाठ्यक्रमों और संस्थानों में ऑनलाइन या ऑफलाइन पढ़ाई के लिए सरकार कोर्स की फीस का 50 प्रतिशत या अधिक से अधिक 50 हजार रुपये तक का सहयोग करेगी।
महिलाओं, दिव्यांगों को भी मिलेगा मौका
योगी सरकार (Yogi Government) के ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री ने कैबिनेट फैसले के बारे में बताया कि इसके अलावा नीति में महिलाओं, एससी-एसटी छात्रों, ट्रांसजेंडर्स व दिव्यांगों को रोजगार देने वाली आईटी इकाइयों को भी राहत प्रदान की गई है। नीति के अनुसार, ऐसी इकाइयों को ईपीएफ रिइंबर्समेंट की सुविधा मिलेगी। इसमें नई इकाइयों के साथ-साथ विस्तार करने वाली इकाइयों को भी शामिल किया गया है, इसमें वर्क फ्रॉम होम की भी सुविधा प्रदान की गई है।