संसद में बुधवार को सम्पन्न मानसून सत्र के दौरान पारित कृषि संबंधी विधेयकों पर टिप्पणी करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि केन्द्र सरकार को किसानो काे विश्वास में लेकर कोई फैसला करना चाहिये था।
सुश्री मायावती ने गुरूवार को ट्वीट किया “ जैसा कि विदित है कि बीएसपी ने यूपी में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केन्द्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।”
जैसाकि विदित है कि बीएसपी ने यूपी में अपनी सरकार के दौरान कृषि से जुड़े अनेकों मामलों में किसानों की कई पंचायतें बुलाकर उनसे समुचित विचार-विमर्श करने के बाद ही उनके हितों में फैसले लिए थे। यदि केन्द्र सरकार भी किसानों को विश्वास में लेकर ही निर्णय लेती तो यह बेहतर होता।
— Mayawati (@Mayawati) September 24, 2020
दिल्ली दंगा: चार्जशीट में सलमान खुर्शीद समेत इन नेताओं पर ये हैं आरोप
गौरतलब है कि केन्द्र ने मानसून सत्र के दौरान दो बिल संसद से पारित हुये जिनमे से एक कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020, और दूसरा कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) क़ीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर क़रार विधेयक, 2020 है। विपक्ष ने इन विधेयकों के विरोध में राज्यसभा में जमकर हंगामा किया था जिसके बाद आठ सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया गया था। बसपा प्रमुख ने विपक्ष के हंगामा करने के तरीके पर आपत्ति जाहिर की थी और इसे लोकतंत्र की गरिमा के विपरीत बताया था।