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ITBP कमांडेंट ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट पढ़ आ जाएंगे आंसू

ITBP Deputy Commandant Ayush Deepak suicide case

ITBP Deputy Commandant Ayush Deepak suicide case

पटियाला। आईटीबीपी में डिप्टी कमांडेंट आयुष दीपक सुसाइड केस (Suicide) में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आयुष के सुसाइड नोट में जो बातें लिखी हैं, उन्हें देख आपकी भी आंखें भर आएंगी। आयुष ने लिखा- मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं। क्योंकि ललमटिया थानेदार ने मेरी बहन के बाल पकड़कर घसीटा। फिर उसके कपड़े फाड़ अर्धनग्न किया। मैं उसकी इज्जत और मर्यादा को सुरक्षित नहीं रख पाया मेरी मौत का जिम्मेदार ललमटिया थानेदार राजीव रंजन है।

दरअसल, आइटीबीपी के कमांडेंट आयुष दीपक पंजाब के पटियाला में तैनात थे। सुसाइड नोट (Suicide Note) सामने आने पर सनसनी फैल गई है। 4 अक्टूबर को पटियाला में आयुष ने फंदे से झूलकर जान दे दी थी। पटियाला में मृतक के साले आकाश जैन के बयान पर केस दर्ज हुआ, जिसमें भागलपुर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए थे। आरोपी बनाए जाने के बाद थानेदार को लाइन हाजिर किया गया। अब पंजाब की पटियाला पुलिस जल्द राजीव रंजन को गिरफ्तार करने आ सकती है।

सुसाइड नोट (Suicide Note) में लिखा

सुसाइड नोट के मुताबिक, बहन से थानेदार द्वारा दुर्व्यवहार से आहत आईटीबीपी के कमांडेंट ने खुदकुशी कर ली। सुसाइड नोट में मौत का जिम्मेदार थाना अध्यक्ष को ठहराते हुए पूरे घटनाक्रम को बयां कर दिया। सुसाइड नोट में लिखा है- मैं अपनी जिंदगी खत्म कर रहा हूं। क्योंकि भागलपुर के ललमटिया थानेदार राजीव रंजन जो वर्तमान में बांका के विक्रमशिला थाने में पोस्टेड है, वह मेरी मौत का जिम्मेदार है। राजीव रंजन मेरी बहन का बाल पड़कर घसीटने और उसके कपड़े फाड़ कर अर्धनग्न करने के लिए जिम्मेदार है। उसके द्वारा एक महिला और बिहार सरकार के मुख्य अभियंता की पत्नी के साथ किए गए घिनौने अपमान ने ना केवल पुलिस की छवि धूमिल की। बल्कि वर्दी की मर्यादा को भी भंग किया।

आगे उन्होंने लिखा कि मेरी बहन ने पुलिस को बस इतना कहा था कि वह पासी टोला कबीरपुर रोड नाथनगर में महिलाओं और बच्चों को ना पीटे, इसके बाद राजीव रंजन ने न केवल मेरी बहन के साथ दुर्व्यवहार किया बल्कि उस पर मुकदमा भी दर्ज कर दिया। मैं एक सशस्त्र सेवा का सदस्य होने के नाते अपनी बहन ज्योति की इज्जत और मर्यादा सुरक्षित नहीं रख पाया। मैं खुद को असहाय और निराशा महसूस कर रहा हूं। यहां तक कि एसएसपी को किया गया कॉल भी बेकार साबित हुआ।

मामले में SSP हृदय कांत का बयान

मामले को लेकर एसएसपी हृदय कांत ने कहा कि 4 महीने पहले का मामला है। संभावना है कि कॉल आया होगा। घटना के बाद कई कॉल आते हैं, मैंने संबंधित डीएसपी को जांच की जिम्मेदारी सौंप थी। पटियाला में हुए मामले में वहां की पुलिस जांच कर रही है। यहां सिटी एसपी को जांच की जिम्मेदारी अब सौंपी गई है।

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