पीलीभीत। कोरोना संक्रमण से बचाव एवं उपचार के लिए आइवरमेक्टिन दवा का उपयोग किया जाएगा। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने प्रदेश के सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आइवरमेक्टिन टैबलेट का प्रयोग कोरोना से बचाव में किया जाएगा। कोरोना उपचाराधीन व उनके संपर्क में आए लोगों के साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों को भी यह दवा दी जाएगी।
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सीएमओ डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया कि पॉजीटिव रोगी के संपर्क में आए लोगों को संभावित संक्रमण से बचाने के लिए यह दवा दी जायेगी है। इसे पहले व सातवें दिन रात्रि भोजन के 2 घंटे बाद दिया जाएगा। इसी तरह कोरोना उपचाराधीन के इलाज व नियंत्रण में लगे स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिए पहले, सातवें और 30वें दिन यह दवा दी जाएगी। बिना लक्षणों व हल्के लक्षणों वाले मरीजों को पहले तीन दिन रात्रि भोजन के दो घंटे बाद और डॉक्सीसाइक्लीन दिन में दो बार पांच दिन तक दी जाएगी।
गर्भवती व दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाएगी यह दवा
डॉ. सीमा अग्रवाल ने बताया कि गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को यह दवा नहीं दी जाएगी तथा डॉक्सीसाइक्लीन दवा भी गर्भवती, धात्री महिलाओं तथा 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं दी जाएगी।