मथुरा। भारतीय जनसंघ के शलाका- स्थापना-आद्य एवं प्रेरणा पुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय के प्रपौत्र एवं प्रख्यात न्यायविद् चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (Chandrashekhar Upadhyay) ने रविवार को वृन्दावन में ‘न्यायिक भाषायी स्वतंत्रता’ हेतु चलाये जा रहे अपने देशव्यापी-अभियान ‘हिन्दी से न्याय’ के लिए जगद्गुरु रामानन्दाचार्य तुलसीपीठाधीश्वर स्वामी रामभद्राचार्य (Jagadguru Swami Rambhadracharya) से शुभाशीष एवं समर्थन मांगा।
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने अन्तिम-परिणाम तक अभियान को जारी रखने का आह्वान करते हुए उन्हें विजयी होने का आशीर्वाद दिया।
गौरतलब है कि हिन्दी माध्यम से एल-एल.एम. उत्तीर्ण करने वाले प्रथम भारतीय छात्र चन्द्रशेखर (Chandrashekhar Upadhyay) देश की सुप्रीमकोर्ट एवं 25 हाईकोर्ट्स में हिन्दी एवं अन्य भारतीय भाषाओं (संविधान की अष्टम अनुसूची में उल्लिखित 22 भाषाएं जिनकी लिपि उपलब्ध है) में सम्पूर्ण वाद-कार्यवाही सम्पादित कराये जाने एवं निर्णय भी पारित किये जाने हेतु पिछले लगभग तीन दशक से भी अधिक समय से चलाये जा रहे ‘हिन्दी से न्याय’ इस देशव्यापी-अभियान के नेतृत्व-पुरुष हैं।
आगरा पहुंचे प्रख्यात न्यायविद चंद्रशेखर उपाध्याय, ‘हिंदी से न्याय’ अभियान के प्रांत प्रमुखों ने एक लाख से अधिक हस्ताक्षर सौंपें
इस मौके पर स्वामी रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी स्वामी रामचन्द्रदास जी महाराज तथा सिद्धपीठ श्री शाकुम्भरीपीठाधीश्वर तथा श्री कृष्णजन्मभूमि मुक्ति अभियान के मुख्य वादी श्री आशुतोष ब्रह्मचारीजी महाराज समेत अन्य प्रमुख सन्त उपस्थित थे।