• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

इस दिन से शुरू होगी जगन्नाथ रथ यात्रा, जानें इसका महत्व

Writer D by Writer D
22/04/2024
in Main Slider, धर्म, फैशन/शैली
0
Jagannath Rath Yatra

Jagannath Rath Yatra

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) निकाली जाती है। इस यात्रा को रथ महोत्सव और गुंडिचा यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई से शुरू होने जा रही है।

शास्त्रों के अनुसार, इस विशेष अवसर पर भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है। ऐसा करने से कई तरह के लाभ प्राप्त होते हैं। भगवान जगन्‍नाथ की रथयात्रा का त्‍योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं। आइए, जानते हैं कि हर साल क्यों जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra)  क्यों आयोजित की जाती है।

इस कारण निकाली जाती है रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) 

पद्म पुराण के अनुसार, एक बार भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर भ्रमण की इच्छा व्यक्त की। इसके लिए भगवान जगन्नाथ ने सुभद्रा को रथ पर बैठाया और उन्हें नगर दिखाया। इस दौरान वह अपनी मौसी के घर भी गए। जहां वह सात दिनों तक रहे। ऐसा माना जाता है कि तब से हर साल भगवान जगन्नाथ को निर्वासित करने की परंपरा जारी है।

जगन्नाथ रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) की खासियत

– भगवान जगन्नाथ के रथ में 16 पहिये होते हैं। रथ को शंखचूड़ की रस्सी से खींचा जाता है। रथ को बनाने में नीम की लकड़ी का उपयोग किया जाता है।
– इस दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा तीन विशाल और भव्य रथों पर विराजित किए जाते हैं। सबसे आगे बलराम जी का रथ चलता है, बीच में बहन सुभद्रा होती हैं और पीछे भगवान जगन्नाथ जी का रथ चलता है।
– रथ को बनाने में कील का उपयोग नहीं किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, किसी भी आध्यात्मिक कार्य में कील या कांटों का प्रयोग करना अशुभ माना जाता है।
– बता दें कि भगवान बलराम और देवी सुभद्रा का रथ लाल रंग का होता है और भगवान जगन्नाथ का रथ लाल या पीले रंग का होता है।

Tags: jagannath rath yatraJagannath Rath Yatra 2024Jagannath Rath Yatra dateJagannath Rath Yatra muhuratLord Jagannath Rath Yatra
Previous Post

विकट संकष्टी चतुर्थी पर करें इस खास चीज का पाठ, गणेश जी दूर करेंगे जीवन के सभी कष्ट

Next Post

सोमवार को भूलकर भी ना करें ये गलतियां, शिव जी हो जाएंगे नाराज

Writer D

Writer D

Related Posts

Hibiscus
फैशन/शैली

हर समस्या का इलाज है ये पौधा, फायदे जान हो जाएंगे हैरान

16/06/2025
Apple Shake
खाना-खजाना

दिन की शुरुआत करें Shake के साथ, स्वाद ऐसा जो बच्चों को भी पसंद आए

16/06/2025
House
फैशन/शैली

घर बनवाते समय इन बातों का रखें ध्यान

16/06/2025
coffee scrub
फैशन/शैली

कॉफी स्क्रब के आगे फेल हैं सभी फेसपैक्स

16/06/2025
फैशन/शैली

इस महंगाई में ऐसे बचाएं रसोई गैस

16/06/2025
Next Post
Sawan

सोमवार को भूलकर भी ना करें ये गलतियां, शिव जी हो जाएंगे नाराज

यह भी पढ़ें

CLAT 2020 Result Declared

विधि विश्वविद्यालय व संस्थानों में दाखिले के लिए क्लैट की परीक्षा आज से

28/09/2020
arrested

बुजुर्ग व्यापारी की हत्या का खुलासा, दो हत्यारोपित गिरफ्तार

25/04/2021
team india

भारतीय क्रिकेट टीम ने रचा इतिहास, पूरे किये 1000 एकदिनी अंतरराष्ट्रीय मैच

06/02/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version