बंगलूरु। वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Property Dispute) को लेकर बनी जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने आज कर्नाटक में किसानों से मुलाकात की। दरअसल इन किसानों की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया था। जिसे लेकर कर्नाटक में राजनीतिक विवाद गहरा गया है। किसानों से मुलाकात के बाद जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) ने कहा कि ‘किसानों ने मुझे एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बताया गया कि जो जमीन उनकी थी, उस पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया है। मैंने उनसे पूछा कि क्या उनके पास इस जमीन के मालिकाना हक होने का कोई सबूत है तो किसानों ने बताया कि बीते 50-70 वर्षों से वो ही इस जमीन पर खेती कर रहे हैं।’
जगदंबिका पाल (Jagdambika Pal) का किसानों से मिलना राज्य की कांग्रेस सरकार को पसंद नहीं आया है। कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कहा है कि ‘पूरी जेपीसी टीम को कर्नाटक से चले जाना चाहिए। उन्हें किसने अधिकार दिया कि वे किसानों से मिलें? एक तरफा तरीके से राजनीतिक फैसले ले लेना ठीक नहीं है। जब कर्नाटक की कांग्रेस सरकार पहले ही कह चुकी है कि मामला निपट गया है और किसानों की जमीन उनके पास ही रहेगी फिर इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की जरूरत नहीं है। उनका कदम देश के संसदीय लोकतंत्र के हित में नहीं है।’
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने जेपीसी अध्यक्ष के किसानों से मिलने को राजनीतिक ड्रामा करार दिया। उन्होंने कहा कि भूमि, राज्य के अधिकार क्षेत्र में आती है। भाजपा के समय में यानी साल 2019 में ही ये शुरू हुआ था। उनकी सरकार में किसानों को नोटिस दिए गए, लेकिन मेरी सरकार इस बात के लिए समर्पित है कि दस्तावेजों में कोई बदलाव नहीं होगा। हम नहीं चाहते कि किसान प्रभावित हों। ये भाजपा ने शुरू किया और अब हम पर आरोप लगाए जा रहे हैं। जेपीसी के पास अधिकार नहीं है। वे यहां सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए आए हैं।’
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भाजपा नेता और पूर्व सीएम बासवराज बोम्मई ने कहा कि यह सत्ता के दुरुपयोग का मामला है, जहां किसानों की जमीन को वक्फ संपत्ति में बदल दिया गया। वक्फ के अधिकार तय हैं, लेकिन मौजूदा सरकार और इसके मंत्रियों ने ताकत का गलत इस्तेमाल करते हुए किसानों के खिलाफ साजिश रची। इससे पूरा किसान वर्ग प्रभावित हुआ है।